Edited By Nitika, Updated: 11 Aug, 2024 08:45 AM
एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) आरक्षण कोटा में ‘क्रीमी लेयर' के लिए कोई प्रावधान नहीं होने की बात केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कहे जाने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार को उन दलित जातियों के उत्थान के लिए...
पटनाः एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) आरक्षण कोटा में ‘क्रीमी लेयर' के लिए कोई प्रावधान नहीं होने की बात केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कहे जाने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार को उन दलित जातियों के उत्थान के लिए प्रावधान करना चाहिए, जो पिछड़ी हैं।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री मांझी पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे पता है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यह स्पष्ट कर दिया कि एससी और एसटी के लिए आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर' के लिए प्रावधान नहीं होंगे। मैं बैठक में मौजूद था। मैंने यह मुद्दा उठाया कि सरकार को उन दलित जातियों के उत्थान के लिए प्रावधान करना चाहिए, जो पिछड़ रही हैं।'' बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा, ‘‘दलितों में केवल तीन से चार जातियां हैं, जो एससी/एसटी कोटा का सारा लाभ ले रही हैं और इन्हीं के लोग आईएएस एवं आईपीएस अधिकारी और इंजीनियर बन रहे हैं। बाकी सभी समूह पीछे हैं। दलितों में केवल तीन-चार जातियां ही फल-फूल रही हैं... शिक्षा की कमी मुख्य कारण है। दलित वर्ग में भुइयां, मुसहर, डोम, मेहतर समेत कई अन्य जातियां पिछड़ गई हैं। सरकार को इन दलित जातियों के उत्थान के लिए प्रावधान करना चाहिए।''
वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को कहा कि भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के आरक्षण में ‘मलाईदार तबके' (क्रीमी लेयर) के लिए कोई प्रावधान नहीं है। ‘क्रीमी लेयर' का तात्पर्य एससी एवं एसटी समुदायों के उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए संविधान में प्रदत्त आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर विस्तृत चर्चा हुई। बिहार में भाजपा के नेताओं ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का स्वागत किया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंबेडकर द्वारा स्थापित संवैधानिक प्रावधानों का पालन करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। संविधान के अनुसार, एससी-एसटी आरक्षण में ‘‘क्रीमी लेयर'' का कोई प्रावधान नहीं है। कैबिनेट का सुविचारित मत है कि संविधान के अनुसार ही एससी-एसटी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। मोदी सरकार के रहते हुए कोई भी आरक्षण को ना छू सकता है और ना ही कोई अनावश्यक छेड़छाड़ कर सकता है।''