बिहार में बदली स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर, नीतीश सरकार में कई नए मेडिकल कॉलेजों की हुई स्थापना

Edited By Ramanjot, Updated: 14 Feb, 2025 10:43 AM

many new medical colleges were established under nitish government

पहले की सरकारों ने बिहार की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए थे। पहले बिहार में नाम मात्र के मेडिकल कॉलेज थे जिसके कारण मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के छात्रों को बाहर जाना पड़ता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के...

Nitish Kumar News: नीतीश सरकार (Nitish Government) में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। काफी संख्या में नए चिकित्सा महाविद्यालयों (Medical College) की स्थापना की गई है। राज्य के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना की जा रही है। पटना के आईजीआईएमएस में पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल (Eye Hospital) खुल जाने से अब लोगों को अपनी आंखों के इलाज के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (JP Nadda) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने संयुक्त रूप से इस अस्पताल का उद्घाटन किया है। इसके साथ ही दरभंगा में एम्स (Darbhanga) के बन जाने से लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। 

सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 13
पहले की सरकारों ने बिहार की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए थे। पहले बिहार में नाम मात्र के मेडिकल कॉलेज थे जिसके कारण मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के छात्रों को बाहर जाना पड़ता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार का शुरू से उद्देश्य रहा है कि इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई के लिए बिहार के छात्र-छात्राओं को बाहर नहीं जाना पड़े। इसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शुरू से मानना रहा है कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उनके जिले में ही उपलब्ध हो। स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने में जुटी नीतीश सरकार नए मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर गंभीर है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, छपरा और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, झंझारपुर जल्द शुरू होने जा रहा है। इन दोनों मेडिकल कॉलेज के भवनों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। नए मेडिकल कॉलेजों के शुरू होने से संबंधित जिलों के मरीजों को राहत मिलेगी और लोगों को चिकित्सा के लिए पटना का मुंह नहीं देखना पड़ेगा।

छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए नहीं जाना पड़ेगा बाहर 
पहले बिहार में केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। इसकी वजह से यहां के छात्र-छात्राओं को मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था। धीरे-धीरे नीतीश सरकार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 11 पहुंची और अब 9 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शुरू हो जाने से राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 20 हो जाएगी। नए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100-100 सीटें बढ़ जाएंगी। अभी बिहार में 11 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में 1490 नामांकन हो रहे हैं। राज्य में 8 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी संचालित हैं जहां पर एमबीबीएस की 1150 सीटों पर विद्यार्थियों का दाखिला होता है। इसके अलावे पटना डेंटल कॉलेज में 40 और रहुई डेंटल कॉलेज, नालंदा में 100 सीटें हैं। अभी पीएमसीएच पटना में 200, एनएमसीएच पटना में 150, एम्स पटना में 125,  डीएमसीएच दरभंगा में 120, जेएलएनएमसीएच भागलपुर में 120, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में 120, एएनएमएमसीएच गया में 120, आइजीआइएमएस पटना में 120, जीएमसी बेतिया में 120, विम्स पावापुरी में 120, मधेपुरा में 100, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज बिहटा में 100 और जीएमसी पूर्णिया में 100 सीटों पर एमबीबीएस कोर्स के लिए नामांकन होता है। 

पटना के पीएमसीएच को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाया जा रहा है। यहां 5400 से अधिक बेड के अस्पताल बनाने की प्रक्रिया जारी है। एनएमसीएच पटना एवं डीएमसीएच दरभंगा में भी बेडों की संख्या बढ़ाकर 2500 की जा रही है। ये सभी मेडिकल कॉलेज 'बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज' द्वारा शासित होंगे। नए मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के इलाज के लिए हर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इमरजेंसी के अलावा न्यूनतम 500 बेडों की व्यवस्था की गई है। नीतीश सरकार की यह कोशिश है कि राज्य में ही लोगों को बेहतर और सस्ता इलाज मिले। अगर किसी को बाहर इलाज कराने की इच्छा हो तो वे जा सकते हैं लेकिन राज्य में ही आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।  

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