Edited By Ramanjot, Updated: 02 May, 2025 12:09 PM

मुकेश सहनी ने कहा कि हमारी वर्षों की मांग जातिगत जनगणना को भारत सरकार ने कराने का निर्णय लिया है। जातिगत जनगणना, समाजवादियों तथा सामाजिक न्याय चाहने वालों की जीत है, जिन्होंने इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। जातिगत जनगणना वो दरवाजा है जिससे देश में...
Caste Census: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) के जातिगत जनगणना (Caste Census) कराने के फैसले के बाद बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। सभी राजनीतिक दलों में इस फैसले का श्रेय लेने की होड़ लगी है। इसी बीच विकासशील इंसान पार्टी (VIP) सुप्रीमो मुकेश सहनी का भी बयान सामने आया है।
"समाजवादियों व सामाजिक न्याय चाहने वालों की जीत"
मुकेश सहनी ने कहा कि हमारी वर्षों की मांग जातिगत जनगणना को भारत सरकार ने कराने का निर्णय लिया है। जातिगत जनगणना, समाजवादियों तथा सामाजिक न्याय चाहने वालों की जीत है, जिन्होंने इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। जातिगत जनगणना वो दरवाजा है जिससे देश में सामाजिक न्याय, प्रतिनिधित्व और हिस्सेदारी के नए रास्ते खुलेंगे। देश की 90% आबादी को उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।
"हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की"
वीआईपी सुप्रीमो ने कहा कि जब सरकारी नीतियां और योजनाएं जातिगत जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बनाई जाएंगी, तभी पिछड़ों और वंचितों को उनका वास्तविक हक मिल पाएगा। हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की है। जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी! मुकेश सहनी ने आगे मांग की है कि जैसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए विधानसभा चुनावों में सीटें आरक्षित हैं, उसी तरह पिछड़ों और अतिपिछड़ों के लिए भी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। अब सिर्फ पहचान नहीं, भागीदारी का अधिकार चाहिए।