Edited By Swati Sharma, Updated: 21 Oct, 2025 11:21 AM

Mahagathbandhan Bihar Seat Sharing 2025: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Elections 2025) के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई, लेकिन विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन में मतभेद और दरारें साफ तौर पर सामने आ गई हैं, क्योंकि कई सीटों...
Mahagathbandhan Bihar Seat Sharing 2025: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Elections 2025) के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई, लेकिन विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन में मतभेद और दरारें साफ तौर पर सामने आ गई हैं, क्योंकि कई सीटों पर इसके घटक दल आमने-सामने हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण के चुनाव के लिए कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर छह नवंबर को मतदान होना है। इस चरण में नामांकन पत्रों की जांच के बाद 300 से अधिक प्रत्याशियों के पर्चे खारिज किए गए और 61 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए।
Mahagathbandhan Bihar Seat Sharing 2025
राज्य में विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने 143 उम्मीदवारों की सूची देर से जारी की। तब तक अधिकांश प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न मिल चुके थे और उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए थे। राजद पिछले दो विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। राजद ने कांग्रेस से सीधा टकराव टालने की कोशिश की और बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम के खिलाफ कुटुंबा (आरक्षित) से प्रत्याशी नहीं उतारा। हालांकि, पार्टी के उम्मीदवार लालगंज, वैशाली और कहलगांव में कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ मैदान में हैं। इससे पहले तारापुर सीट पर राजद का पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) से आमना-सामना होने की संभावना थी, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को उतारा है। हालांकि, वीआईपी ने अपने उम्मीदवार सकलदेव बिंद को समर्थन देने से इनकार किया, जिसके बाद उन्होंने नाराज होकर नामांकन वापस ले लिया और चौधरी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए।
राजद को परिहार सीट पर भी बगावत का सामना करना पड़ रहा।। Mahagathbandhan Bihar Seat Sharing 2025
दरभंगा जिले की गौडाबोराम सीट पर स्थिति और उलझी रही। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित किया कि पार्टी सहनी के छोटे भाई संतोष को समर्थन दे रही है, लेकिन राजद के चिह्न ‘लालटेन' पर नामांकन दाखिल करने वाले अफजल अली ने पीछे हटने से इनकार कर दिया, जिससे कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति बन गई है। राजद को परिहार सीट पर भी बगावत का सामना करना पड़ रहा है, जहां महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रितु जायसवाल ने पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है। वह यह आरोप लगा रही हैं कि पार्टी ने टिकट पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पुर्वे की बहू को दिया है, जिन्होंने पिछली बार उनकी हार में भूमिका निभाई थी। ‘इंडिया' गठबंधन में दरारें बछवारा, राजापाकर और रोसड़ा सीटों पर भी देखने को मिल रही हैं, जहां कांग्रेस और भाकपा दोनों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। राजापाकर सीट फिलहाल कांग्रेस के पास है और मौजूदा विधायक प्रतिमा कुमारी दास को दोबारा मौका दिया गया है। कांग्रेस इस बार कुल 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जो 2020 के मुकाबले पांच कम हैं। पिछले चुनाव में उसे केवल 19 सीटें मिली थीं और उसकी खराब सफलता दर को महागठबंधन की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
कई नेताओं ने टिकट बंटवारे के मापदंड पर सवाल उठाए।। Mahagathbandhan Bihar Seat Sharing 2025
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा' से मिली गति के बावजूद कांग्रेस में असंतोष कायम है। राज्य के कई नेताओं ने टिकट बंटवारे के मापदंड पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि जिन उम्मीदवारों को पिछली बार भारी हार मिली थी, उन्हें फिर मौका दिया गया, जबकि बेहतर प्रदर्शन करने वालों को नजरअंदाज किया गया है। पप्पू यादव की बढ़ती राजनीतिक हैसियत भी कांग्रेस में असंतोष का कारण बनी है। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन के पति पप्पू यादव के करीबी कई नेताओं को टिकट दिया गया है, जिससे पुराने नेताओं में नाराजगी है। विकासशील इंसान पार्टी ने पहले 40-50 सीटों और सरकार बनने पर उपमुख्यमंत्री पद की मांग की थी। हालांकि, अंततः पार्टी ने 16 सीटों पर समझौता किया। इसके पास विधानसभा में कोई सदस्य नहीं है। महागठबंधन के घटक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन ने इस बार 20 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं। भाकपा ने नौ और माकपा ने चार सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।