जमीन सर्वे के खिलाफ पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने खड़े किए सवाल, कहा- "सरकार के पास खुद ही नहीं है पुख्ता कागजात"

Edited By Harman, Updated: 13 Sep, 2024 11:22 AM

patna high court lawyer raised questions against the land survey

बिहार में भूमि सर्वे की प्रक्रिया की शुरुआत 20 अगस्त 2024 से कर दी गई थी। वहीं अब जमीनी सर्वे विवादों में घिरता नजर आ रहा है। दरअसल पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

पटना: बिहार में भूमि सर्वे की प्रक्रिया की शुरुआत 20 अगस्त 2024 से कर दी गई थी। वहीं अब जमीनी सर्वे विवादों में घिरता नजर आ रहा है। दरअसल पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

"सरकार के पास खुद जमीन के पुख्ता कागजात नहीं"
हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जमीन सर्वे के नाम पर लोगों से बेवजह कागजात मांगे जा रहे हैं, जबकि सरकार के पास खुद जमीन के पुख्ता कागजात नहीं हैं। इसके साथ ही वकीलों ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण में कई कमियां है और लोगों को आर्थिक रूप से तंग किया जा रहा है।

"सरकार जमींदारों के रिटर्न को सार्वजनिक करें"
वहीं वकीलों ने कहा कि सबसे पहले सरकार को जमींदारों के रिटर्न को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि लोगों को जानकारी हो कि 1950 में जमीन पर मालिकाना हक किसका था और किसके पास जमीन थी।  पता चल सके कि 1950 में जमीन किसके पास थी। कैडेस्ट्रल एवं रिविजनल सर्वे के बाद स्वतंत्रता के बाद जमींदारों ने जमीन का रिटर्न दाखिल किया था। उसमें जमीन किसके पास है, उसका पूरा ब्योरा है। मगर आज कई जिलों में जमींदारों के रिटर्न उपलब्ध नहीं हैं। कई प्रखंड में जमाबंदी रजिस्टर-दो का पन्ने गायब या फटे हुए है।

"वर्तमान में चल रहे जमीन सर्वे का काम जल्दबाजी में उठाया गया कदम"
हाई कोर्ट के वकीलों  ने कहा कि  वर्तमान में चल रहे जमीन सर्वे का काम जल्दबाजी में उठाया गया कदम है। पहले कर्मचारियों के जरिए राजस्व रिकॉर्ड जिसमें खतियान, वंशावली, रजिस्टर-दो और जमीन राजस्व रसीद आदि को दुरुस्त और अपडेट किया जाना चाहिए। उसके बाद भूमि सर्वे का काम होना चाहिए।जो लोग अपने गांव में नहीं रहते हैं, उनकी जमीन को अन्य लोगों द्वारा अतिक्रमित कर लिया गया है। ऐसे में सरकार के जमीन के एरियल सर्वे में वास्तविक भूमि के बजाय कम जमीन दिखाई देगी और रिविजनल सर्वे के दौरान बना नक्शा जमीन की मापी कुछ और होगी। ऐसे में अभी तत्काल प्रभाव से जमीन सर्वे को स्थगित कर देना चाहिए।

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