Edited By Ramanjot, Updated: 31 Oct, 2024 11:10 AM
विशेष न्यायाधीश कमलेश चंद्र मिश्रा ने मामले में सुनवाई के बाद पटना जिले के पंडारक थाना क्षेत्र निवासी रंजीत यादव को भारतीय दंड विधान और पॉक्सो अधिनियम की अलग अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर...
पटना: बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की बिहार में पटना स्थित एक विशेष अदालत ने एक नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के जुर्म में दोषी युवक को 20 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ 25 हजार रुपए का जुर्माना भी किया।
विशेष न्यायाधीश कमलेश चंद्र मिश्रा ने मामले में सुनवाई के बाद पटना जिले के पंडारक थाना क्षेत्र निवासी रंजीत यादव को भारतीय दंड विधान और पॉक्सो अधिनियम की अलग अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को एक वर्ष के कारावास की सजा अलग से भुगतानी होगी। साथ ही अदालत ने पीड़तिा को मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपए दिए जाने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार पटना को दिया है।
मामले के विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2017 में नाबालिग बालिका जब खेत में रोपनी करने के बाद अपने घर वापस लौट रही थी तब रास्ते में उसके ही गांव के दोषी और उसके एक सहयोगी ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में आरोप साबित करने के लिए अभियोजन ने सात गवाहो का बयान अदालत में कलम बंद करवाया था। इसके अलावा 11 दस्तावेजी सबूत भी दाखिल किए थे। दोषी ने भी अपने बचाव में दो गवाहों को अदालत में पेश किया था।