Edited By Ramanjot, Updated: 12 Nov, 2024 10:34 AM
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने कहा कि निर्धारित उपचुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए बहुत देर हो चुकी है। इसे नीतिगत मुद्दा बताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और कहा कि...
नई दिल्ली/पटनाः उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को राजनीतिक रणनीतिकार से राजनीतिक नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) की जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) की ओर से 13 नवंबर को होने वाले बिहार उपचुनाव (Bihar By Election) को स्थगित करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने कहा कि निर्धारित उपचुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए बहुत देर हो चुकी है। इसे नीतिगत मुद्दा बताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और कहा कि बिहार उपचुनाव के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। पीठ ने टिप्पणी की, “अन्य राजनीतिक दलों को कोई समस्या नहीं है। केवल आपको ही समस्या है। आप एक नई राजनीतिक पार्टी हैं, आपको इन उलझनों को समझने की जरूरत है।”
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार में छठ पूजा जितना महत्वपूर्ण कोई अन्य त्योहार नहीं है। पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में चुनाव की तारीखें निर्वाचन आयोग द्वारा धार्मिक आयोजनों के आधार पर आगे बढ़ा दी गईं, जबकि बिहार चुनाव में छठ पूजा त्योहार के बावजूद ऐसा नहीं किया गया। रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे।