Edited By Ramanjot, Updated: 24 Mar, 2025 02:33 PM

सर्जरी के लिए चयनित जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और मधेपुरा शामिल है। मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन बच्चों की पहचान की गई है। सर्जरी के लिए 102 एम्बुलेंस से...
पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने कहा कि राज्य में जन्मजात विकृतियों (Congenital malformations) से जूझ रहे बच्चों के लिए मुफ्त क्लेफ्ट सर्जरी (Cleft Surgery) की शुरुआत हो चुकी है। पांडेय ने रविवार को कहा कि पूर्वी चंपारण के रक्सौल स्थित डंकन हॉस्पिटल में 23 से 27 मार्च तक चलने वाले इस विशेष कैंप में आठ जिलों के 215 बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी की जा रही है। इसमें कटे तालु, होंठ और हकलाने की समस्या से पीड़ित बच्चों को नया जीवन देने का लक्ष्य है।
सर्जरी के लिए चयनित जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और मधेपुरा शामिल है। मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन बच्चों की पहचान की गई है। सर्जरी के लिए 102 एम्बुलेंस से बच्चों को अस्पताल लाने और वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है, जिसकी जिम्मेदारी जिला समन्वयकों को सौंपी गई है। जांच और सर्जरी को सुचारू बनाने के लिए लाइजनिंग ऑफिसर तैनात किए गए हैं। साथ ही, अभिभावकों के साथ आयुष चिकित्सक या फार्मासिस्ट भी मौजूद रहेंगे, जो अस्पताल प्रबंधन के साथ समन्वय करेंगे।
इस नि:शुल्क सर्जरी से बच्चों को मिलेगी राहत
पांडेय ने कहा, ‘‘कटे तालु, होंठ और हकलाने की समस्या से प्रभावित बच्चे अक्सर सामाजिक अलगाव और कम आत्मविश्वास का शिकार होते हैं। यह समस्या खासकर गरीब परिवारों में आम है। इस नि:शुल्क सर्जरी से न सिर्फ बच्चों को राहत मिलेगी बल्कि उनके परिवारों का भी बोझ कम होगा। सही समय पर इलाज से ये बच्चे सामान्य जीवन जी सकेंगे और शिक्षा-रोजगार के अवसर हासिल कर सकेंगे।'' मंत्री ने कहा कि यह पहल बच्चों के चेहरे की विकृति को ठीक करने के साथ उनके आत्मसम्मान को भी बढ़ाएगी। बोलने की क्षमता में सुधार से उनका आत्मविश्वास लौटेगा और भविष्य उज्जवल होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस तरह की योजनाओं को और व्यापक बनाने की दिशा में काम कर रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को लाभ पहुंचे। यह प्रयास न केवल स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक कदम है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का भी वाहक बनेगा।