Edited By Ramanjot, Updated: 11 Mar, 2025 10:35 AM

बिहार के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब अगर नीलगाय किसानों की फसल बर्बाद करेगी, तो सरकार इसकी भरपाई करेगी। बिहार सरकार ने नीलगाय के हमले से होने वाले फसल नुकसान पर मुआवजा देने का फैसला किया है।
पटना: बिहार के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब अगर नीलगाय किसानों की फसल बर्बाद करेगी, तो सरकार इसकी भरपाई करेगी। बिहार सरकार ने नीलगाय के हमले से होने वाले फसल नुकसान पर मुआवजा देने का फैसला किया है। राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी। सरकार ने प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान किया है।
इसके अलावा, अगर नीलगाय के हमले में किसी किसान की मौत हो जाती है, तो पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। मंत्री ने बताया कि गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 1.44 लाख रुपये और मामूली चोट लगने पर 24,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
नीलगायों की बढ़ती संख्या, सरकार ने दिया शिकार का आदेश!
नीलगायों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बिहार सरकार ने इनके शिकार की भी अनुमति दी थी। इस साल अब तक 4,279 नीलगायों का शिकार किया गया है। इनमें वैशाली जिले में सबसे ज्यादा 3,057 नीलगायों को मारा गया। इसके अलावा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और नालंदा में भी इनका शिकार किया गया है।
सरकार ने नीलगायों और जंगली सूअरों को मारने और दफनाने के लिए पंचायत विभाग को अनुदान भी दिया है। प्रत्येक नीलगाय को मारने के लिए 1,250 रुपये और जंगली सूअर के लिए 750 रुपये दिए जाते हैं।
कैसे होता है नीलगाय का शिकार?
मंत्री ने बताया कि गांव के मुखिया पर्यावरण विभाग के पेशेवर शूटर की मदद से इन जानवरों को मारने की सिफारिश करते हैं। इसके बाद "अत्यंत सावधानी" के साथ नीलगाय का शिकार किया जाता है, ताकि किसानों की फसल को बचाया जा सके।