Edited By Ramanjot, Updated: 21 Mar, 2025 05:49 PM

बिहार सरकार के लघु जल संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत नालंदा जिले में 16 नई योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति दी है।
नालंदा: बिहार सरकार के लघु जल संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत नालंदा जिले में 16 नई योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति दी है। इन योजनाओं पर कुल 3874.661 लाख रुपये की लागत आएगी। इस परियोजना के तहत आहर-पईन एवं पोखरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिससे जिले में 4785 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई सुविधा पुनः बहाल होगी। इन योजनाओं को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
8 प्रखंडों को मिलेगा सीधा लाभ
इन योजनाओं से नालंदा जिले के आठ प्रखंड—नगरनौसा, बिहार शरीफ, करायपरशुराय, बिंद, एकंगरसराय, हरनौत, नूरसराय और इस्लामपुर—को सीधा लाभ मिलेगा। प्रत्येक प्रखंड में विभिन्न आहर-पईन और तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए अधिक जल उपलब्ध होगा।
प्रमुख योजनाएँ और उनकी विशेषताएँ
नगरनौसा प्रखंड में भोभी पईन, कछियामा पईन एवं मुनिअमपुर हयातपुर पईन जैसी योजनाओं को स्वीकृति मिली है, जिनकी कुल लागत 1185.513 लाख रुपये है और जो 1388 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करेंगी। इसी तरह, बिहार शरीफ में दीधी तेतरावा तालाब और तेतरावा तालाब का पुनरुद्धार किया जाएगा, जिससे 310 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
करायपरशुराय के डियामा पईन एवं डियावाँ तालाब, बिंद के गोविंदपुर बरहोग पईन एवं कथराही-ईश्वरचक-लालूबिगहा पईन, हरनौत के बनगच्छा तेलमर पईन और नूरसराय के अन्धना-शंकरपुर-सरदार बिगहा आहर-पईन जैसी योजनाएँ इस अभियान का हिस्सा हैं।
हर खेत तक पानी पहुंचाने की पहल
लघु जल संसाधन विभाग 2000 हेक्टेयर तक की कमांड एरिया वाली सिंचाई योजनाओं को लागू करता है, जिसमें सतही सिंचाई एवं भूजल सिंचाई योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया जाता है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सतही सिंचाई योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे भूजल स्तर का संरक्षण किया जा सके।
जल संसाधनों का पुनर्जीवन और कृषि में सुधार
सरकार की इस पहल से जल संसाधनों के पुनर्जीवन के साथ-साथ कृषि उत्पादन में भी वृद्धि होगी। जल संचयन, पर्यावरण संरक्षण और सतत सिंचाई व्यवस्था के माध्यम से किसानों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।