"अजगैबीनाथ मठ, सुल्तानपुर: जहाँ महाशिवरात्रि पर जागृत होती है शिव भक्ति"

Edited By Ramanjot, Updated: 12 Feb, 2025 02:03 PM

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अजगैबीनाथ मठ, बिहार के भागलपुर जिले में सुल्तानपुर क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर हजारों भक्तों का ध्यान आकर्षित करता है।

पटना: अजगैबीनाथ मठ, बिहार के भागलपुर जिले में सुल्तानपुर क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर हजारों भक्तों का ध्यान आकर्षित करता है। महाशिवरात्रि के पवित्र दिन, जब भगवान शिव की पूजा और भक्ति का महत्व दोगुना हो जाता है, अजगैबीनाथ मठ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। यह मठ न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और पौराणिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

अजगैबीनाथ मठ का इतिहास:

अजगैबीनाथ मठ का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। यह मठ भगवान शिव की पूजा का केंद्र रहा है और इसे विशेष रूप से अजगैबीनाथ के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि मठ की स्थापना प्राचीन काल में हुई थी, जब यहाँ के स्थानीय राजा ने भगवान शिव की आराधना के लिए इस स्थल का निर्माण कराया था। मठ के अंदर भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा की जाती है, जो मठ की सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक धरोहर है। शिवलिंग के आसपास हर साल महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस मठ में भगवान शिव के साथ-साथ उनकी पत्नी माँ पार्वती और गणेश जी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं, जो भक्तों को मानसिक शांति और सुख प्रदान करती हैं। मठ में होने वाले पूजा आयोजन और भजन-कीर्तन से वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।

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महाशिवरात्रि पर अजगैबीनाथ मठ का महत्व:

महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव के पूजन का सबसे पवित्र अवसर माना जाता है। इस दिन, विशेष रूप से रुद्राभिषेक और ध्यान साधना की जाती है, जिससे भक्तों की आस्था और विश्वास में वृद्धि होती है। अजगैबीनाथ मठ में महाशिवरात्रि के दिन एक विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें गंगा जल से शिवलिंग का अभिषेक, शिवपुराण का पाठ, और भजन-कीर्तन होता है। इस दिन मठ में भक्तों का तांता लगा रहता है, जो दूर-दूर से इस पवित्र स्थल पर भगवान शिव के दर्शन करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।

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    महाशिवरात्रि की रात मठ में रात्रि जागरण का आयोजन होता है, जिसमें भक्त शिव मंत्र का जाप करते हैं और भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं। यह एक ऐसा अवसर होता है जब मठ की पूरी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर भक्तों के बीच जीवंत हो उठती है। मठ के परिसर में जलते दीप, फूलों से सजे शिवलिंग और भक्तों की भक्ति से वातावरण एक अलौकिक रूप ले लेता है।

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    अजगैबीनाथ मठ और बिहार की सांस्कृतिक विरासत:

    अजगैबीनाथ मठ सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक भी है। यह मठ बिहार की समृद्ध इतिहास और धार्मिक परंपराओं को संजोने का काम करता है। यहाँ पर हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित होने वाली धार्मिक गतिविधियाँ न केवल शिवभक्तों को आकर्षित करती हैं, बल्कि यह पूरे बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करती हैं।

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    बिहार के विभिन्न हिस्सों से लोग यहाँ आते हैं, जहां वे न केवल भगवान शिव की पूजा करते हैं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक गतिविधियों का भी हिस्सा बनते हैं। मठ के आस-पास होने वाले मेले, भजन-कीर्तन, और पारंपरिक भारतीय संगीत इस दिन को और भी खास बना देते हैं। अजगैबीनाथ मठ बिहार के सुल्तानपुर में महाशिवरात्रि के दिन एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल के रूप में श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह मठ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को भी जीवित रखता है। महाशिवरात्रि पर इस मठ में होने वाली पूजा और आयोजन बिहार की अद्वितीय सांस्कृतिक धारा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए, इस महाशिवरात्रि हम सब मिलकर अजगैबीनाथ मठ में भगवान शिव की भक्ति में लीन हों और इस दिव्य स्थान की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करें।

     

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