Edited By Swati Sharma, Updated: 24 May, 2025 11:09 AM

Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया को पारदर्शी और गोपनीय बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) शिक्षक की पहचान से जुड़ी जानकारी नहीं देख सकेंगे।
Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया को पारदर्शी और गोपनीय बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) शिक्षक की पहचान से जुड़ी जानकारी नहीं देख सकेंगे।
शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने बिहार में 1.30 लाख शिक्षकों के जिला स्तर पर हुए स्थानांतरण के बाद अब विद्यालयों में उनके पदस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और गोपनीय बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी शिक्षक का नाम, आईडी, पूर्व विद्यालय या तबादले का कारण नहीं देख सकेंगे। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के स्तर से जारी आदेश के अनुसार, स्थानांतरित शिक्षकों को 15 जून तक नए विद्यालय आवंटित कर दिए जाएंगे और 23 से 30 जून के बीच उन्हें अपने नए स्कूल में योगदान देना होगा।
..एक समय में केवल एक शिक्षक की जानकारी ही होगी प्रदर्शित
नए दिशा-निर्देश के अनुसार, डीईओ को शिक्षक का नाम या पहचान संबंधित जानकारी नहीं दिखाई जाएगी। केवल श्रेणी, विषय, वर्ग और पंचायत विकल्प ही लॉगिन में प्रदर्शित होंगे। पोर्टल पर एक समय में केवल एक शिक्षक की जानकारी ही प्रदर्शित होगी। ‘प्रोसिड' बटन पर क्लिक करने पर उस शिक्षक के पंचायत विकल्प और रिक्ति के आधार पर विद्यालय का आवंटन होगा। एक शिक्षक का पदस्थापन पूरा होने के बाद ही अगला शिक्षक पोटर्ल पर दिखाई देगा। यदि किसी शिक्षक के चुने गए 10 विकल्पों में कोई रिक्ति नहीं है तो डीईओ नजदीकी पंचायत का विद्यालय आवंटित करेंगे।
विभाग ने बताया कि जो शिक्षक अपने तबादले से असंतुष्ट हैं वे पहले विद्यालय में योगदान देकर ई-शिक्षाकोष पोटर्ल पर नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं। इन आवेदनों पर जिलों में रिक्तियों की उपलब्धता और छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर दूसरे चरण में विचार किया जाएगा। शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, पूर्वी चम्पारण, अररिया, कटिहार, खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर और मधुबनी जैसे जिलों में छात्र-शिक्षक अनुपात अत्यधिक है। ऐसे में नए विकल्प चुनते समय यदि शिक्षक इन जिलों को चुनते हैं तो विभाग प्राथमिकता के आधार पर उन पर विचार करेगा।