स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-1 से होगा बीज उत्पादन, किसानों की आय होगी दोगुनी:विजय कुमार सिन्हा

Edited By Ramanjot, Updated: 27 Aug, 2025 06:16 PM

bihar makhana farming scheme

उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन अंतर्गत मखाना अवयवों की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है।

पटना:उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन अंतर्गत मखाना अवयवों की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना का क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2026-27 तक किया जाएगा। इसके लिए कुल 16 करोड़ 99 लाख 11 हजार 930 रुपये की स्वीकृत दी गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु 11 करोड़ 53 लाख 49 हजार 430 रुपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है जबकि वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए 5 करोड़ 45 लाख 62 हजार 500 रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के 16 जिलों यथा कटिहार, पूर्णियाँ, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण एवं मुजफ्फरपुर में मखाना की खेती का क्षेत्र विस्तार करना है। इसके तहत किसानों को उन्नत प्रभेदों का बीज उपलब्ध कराया जाएगा, परंपरागत उपकरण किट दी जाएगी तथा बीज उत्पादन और वितरण को प्रोत्साहित कर किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी।

सिन्हा ने कहा कि मखाना की खेती दिसंबर माह से शुरू होकर अगस्त के अंतिम सप्ताह में पूरी होती है। इसी कारण योजना का कार्यान्वयन दो वित्तीय वर्षों में किया जाएगा। योजना अंतर्गत डीबीटी पंजीकृत नए किसानों का चयन किया जाएगा, जो पहली बार खेत प्रणाली से मखाना की खेती करेंगे। मखाना खेती की इकाई लागत 0.97 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है, जिसमें बीज, इनपुट और हार्वेस्टिंग की लागत शामिल है। इसमें किसानों को 75 प्रतिशत यानी 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायतानुदान दो किस्तों में प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि योजना में मखाना के उन्नत प्रभेद स्वर्ण वैदेही एवं सबौर मखाना-1 का बीज उत्पादन कराया जाएगा। बीज वितरण की व्यवस्था गठित समिति की अनुशंसा पर एफ.पी.सी. एवं प्रगतिशील कृषकों से बीज प्राप्त कर चयनित किसानों तक पहुंचाने की होगी। प्रत्येक किसान को न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) तथा अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) तक का लाभ मिलेगा।

इसके अलावा, किसानों को परंपरागत उपकरण जैसे औका/गाँज, कारा, खैंचि, चटाई, अफरा, थापी आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए प्रति किट 22,100 रुपये की अनुमानित लागत तय की गई है, जिसमें से 75 प्रतिशत यानी 16,575 रुपये प्रति किट का अनुदान दिया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में महिला सहभागिता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। साथ ही योजना से लाभान्वित किसानों में 30 प्रतिशत महिला कृषकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह योजना बिहार के 16 जिलों में मखाना खेती को नई दिशा देने, उन्नत बीज उत्पादन एवं वितरण और उपकरण किट उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके क्रियान्वयन से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि महिला कृषकों की सक्रिय भागीदारी और सभी वर्गों की संतुलित हिस्सेदारी सुनिश्चित होगी। यह पहल बिहार की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को नई मजबूती प्रदान करेगी और राज्य को मखाना उत्पादन में अग्रणी बनाएगी।

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