बिहार की ग्रामीण सड़कों का कायाकल्प: 36 हजार किमी से अधिक रास्ते हुए चकाचक

Edited By Ramanjot, Updated: 26 Aug, 2025 05:39 PM

bihar rural roads development

बिहार में गांव की गलियों से होकर खेत-खलिहान तक जाने वाली सड़कों की सूरत बदल चुकी है। बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों की कुल 16,171 सड़कों की, जिसकी कुल लम्बाई 40,259.35 किलोमीटर है, की मरम्मति और रखरखाव का लक्ष्य तय...

पटना:बिहार में गांव की गलियों से होकर खेत-खलिहान तक जाने वाली सड़कों की सूरत बदल चुकी है। बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों की कुल 16,171 सड़कों की, जिसकी कुल लम्बाई 40,259.35 किलोमीटर है, की मरम्मति और रखरखाव का लक्ष्य तय किया गया था। इसमें अबतक कुल 15,104 सड़कों की जिसकी कुल लम्बाई 36,757.22 किलोमीटर है, को चकाचक किया जा चुका है।

गांव के लोगों के लिए यह सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि बाज़ार, अस्पताल, स्कूल और रोज़गार तक पहुंचने का सुगम मार्ग है। इस योजना के तहत 16,171  सड़कों की मरम्मति की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। जिनकी कुल लंबाई 40,259.35 किलोमीटर है। इन पर 20 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि खर्च की जा रही है। इनमें से 15,104 ग्रामीण सड़कों की मरम्मति का काम पूरा किया जा चुका है, जिनकी कुल लंबाई 36,757.22 किलोमीटर बताई गई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश के तहत बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 का उद्देश्य केवल ग्रामीण सड़कों का निर्माण करना ही नहीं, बल्कि उन्हें लंबे समय तक दुरुस्त रखना भी है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य की ग्रामीण सड़कों और पुलों का नियमित रख-रखाव किया जा रहा है, ताकि पूरे साल हर मौसम में गांव के लोग इन रास्तों से आसान सफर कर सकें। जिसका लाभ गांव के किसानों से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चों तक को मिल सके। 

किसानों के लिए अब अपनी फसल को बाजार तक पहुंचाना आसाना हो गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों को इससे स्कूल आने-जाने में सुविधा हो रही है। साथ ही, बीमार लोगों को अब कच्चे रास्तों से अस्पतालों तक नहीं पहुंचाना पड़ता है। बाढ़ या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इन ग्रामीण सड़कों के माध्यम से लोगों तक राहत पहुंचाना भी अब आसान हो गया है। इतना ही नहीं, ग्रामीण सड़कों का चेहरा बदलने से बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवनस्तर भी बेहतर हुआ है।

सबसे अधिक पूर्वी चंपारण मेंबदली है ग्रामीण सड़कों की सूरत

अनुरक्षण यानी सड़कों की मरम्मति के मामले में राज्य का पूर्वी चंपारण जिला सबसे आगे है। यहां चयनित कुल 957 सड़कों में 905 सड़कों की मरम्मति का काम पूरा कर लिया गया है। जिसकी कुल लम्बाई 2,384.03 किलोमीटर है। इसके बाद दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर जिला है। मुजफ्फरपुर जिले की कुल 718 सड़कों में 657 सड़कों की मरम्मति का काम पूरा हो चुका है। 

मुजफ्फरपुर में कुल 1861.52 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की मरम्मति का लक्ष्य तय किया गया था। जिसके विरुद्ध 1680.458 कि.मी. सड़क की मरम्मति का काम पूरा कर लिया गया है। ग्रामीण सड़कों के कायाकल्प के मामले में पश्चिम चंपारण जिला तीसरे स्थान पर है। यहां कुल 617 ग्रामीण सड़कों को चकाचक करने का लक्ष्य निर्धारित था। जिसकी कुल लम्बाई 2091.32 कि.मी. है। इस लक्ष्य के विरुद्ध 597 सड़कों का कायाकल्प किया जा चुका है। जिसकी कुल लम्बाई 1994.23 कि.मी.है। इसके अलावा सारण में 1,583.90 कि.मी., समस्तीपुर में 1,404.90 कि.मी., गयाजी में 1,370.45 कि.मी. और वैशाली 1,354.41 कि.मी. हैं।

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