विरासत के साथ विकास की सोच से विकसित किए जा रहे अटल कलाभवन- विजय कुमार सिन्हा

Edited By Swati Sharma, Updated: 05 Jan, 2025 06:58 PM

bihar s multicolored heritage will be protected through kalabhavan

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में मुजफ्फरपुर में 'अटल कला-भवन '  का कार्य शुभारंभ किया गया । मुख्यमंत्री जी के साथ इस अवसर पर मौजूद उपमुख्यमंत्री-सह कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा...

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में मुजफ्फरपुर में 'अटल कला-भवन '  का कार्य शुभारंभ किया गया । मुख्यमंत्री जी के साथ इस अवसर पर मौजूद उपमुख्यमंत्री-सह कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिहार  ने विरासत के साथ विकास की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। हम अपने गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत की बहुरंगी छवि तो दुनिया के सामने प्रस्तुत करेंगे ही साथ ही कला-संस्कृति से जुड़ी प्रतिभाओं को उपयुक्त मंच उपलब्ध कराया जाएगा । इसी सोच के साथ राज्य के हर जिले में हम प्रेक्षागृह एवं कलाभवन विकसित करने जा रहे हैं ।जिसका नाम “अटल कला भवन” होगा।

'जिले की सांस्कृतिक गतिविधियों को मिलेगी नई ऊंचाई'
सिन्हा ने आगे कहा कि 'अटल कला-भवन' के निर्माण से जिले की सांस्कृतिक गतिविधियों को नई ऊंचाई मिलेगी। इस कला भवन में परंपरागत एवं आधुनिक प्रदर्शन कलाओं तथा ऑडियो-विज़ुअल कलाओं के प्रस्तुतियों के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही यहां से जिले में सांस्कृतिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। सिन्हा ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत और कला-संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों से समाज में सकारात्मक गतिशीलता आती है। इसका अनुकूल प्रभाव हमारे आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों पर भी पड़ता है। हमारी संस्कृति ही हमें राम और रावण के बीच अंतर बताती है। इसी से हम सीता और मंथरा में फर्क कर पाते हैं। आज जो माहौल देश में बनाने का प्रयास किया जा रहा उसमें देश को सुरक्षित रखने के लिए इन अंतरों की सही पहचान जरूरी है।

'हमारे महत्वपूर्ण ग्रंथों को नष्ट किया गया...'
विजय सिन्हा ने कहा कि हमारा इतिहास भी हमें यही बताता है कि भारत की एकता, अखंडता को निर्धारित करने में सांस्कृतिक चेतना ने निर्णायक भूमिका निभाई है। इसी चेतना के कारण हम आक्रांताओं की लाख कोशिशों के बावजूद सुरक्षित रह पाए। हमारे विरासत स्थल खंडित कर दिए गए, हमारे महत्वपूर्ण ग्रंथों को नष्ट किया गया लेकिन भारतीय समाज में फैली सांस्कृतिक चेतना ने हमें एक सूत्र में पिरो दिया । आज हम अपने राज्य की बहुरंगी विरासत जो कहीं न कहीं ठहर सी गई थी, उसे फिर से सुरक्षित और संरक्षित करने में जुटे हैं। आने वाले दिनों में जब हम विकसित बिहार बनाने में सफल होंगे तब उसमें हमारी गौरवशाली संस्कृति ज्ञान, रोजगार और राजस्व सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।

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