बिहार में पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं की समीक्षा: प्रधान सचिव ने जिलों को दिए सख्त निर्देश

Edited By Ramanjot, Updated: 21 May, 2025 09:15 PM

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बुधवार को अधिवेशन भवन, बिहार, पटना में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, बिहार द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा हेतु महत्वपूर्ण राज्यस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता विभाग के प्रधान सचिव एच आर श्रीनिवास  द्वारा की गई।

पटना: बुधवार को अधिवेशन भवन, बिहार, पटना में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, बिहार द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा हेतु महत्वपूर्ण राज्यस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता विभाग के प्रधान सचिव एच आर श्रीनिवास  द्वारा की गई। बैठक की शुरुआत अपर सचिव द्वारा प्रधान सचिव को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत करने से हुई, जिसके बाद उप सचिव ने अपर सचिव को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।

अपने प्रारंभिक संबोधन में प्रधान सचिव ने इस विभाग में कार्य करने की व्यापक संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विभाग ने युवा अधिकारियों को नियुक्त किया है और उन्हें उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ईमानदारी और कड़ी मेहनत करनी चाहिए। प्रधान सचिव ने कर्नाटक का उदाहरण दिया, जहाँ सरकार द्वारा 2500 से अधिक छात्रावास चलाए जा रहे हैं, और जोर दिया कि बिहार में भी छात्रावास की संख्या बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कल्याणकारी कार्यों के लिए बॉटम-अप दृष्टिकोण (bottom-up approach) पर बल दिया।

समीक्षा बैठक में प्रधान सचिव द्वारा निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर गहन समीक्षा की गई:

अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय: प्रधान सचिव ने सभी अनुमंडल पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से टोला, मोहल्लों और गाँवों का दौरा करने का कड़ा निर्देश दिया ताकि छात्रों को प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और स्कूलों में कोई भी सीट खाली न रहे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर स्कूलों को क्षमता से कम नहीं चलना चाहिए। प्रधान सचिव ने जिलावार समीक्षा की और भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों को स्कूल भवनों को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।

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जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास/अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास:

प्रधान सचिव ने प्रवेश की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने मधुबनी, बांका, किशनगंज आदि जिलों में इन छात्रावासों के भवन रखरखाव की स्थिति की भी समीक्षा की। प्रधान सचिव ने सभी जिला पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी को भवन निर्माण विभाग द्वारा बनाए जा रहे भवनों की गुणवत्ता से समझौता न करने का निर्देश दिया, इससे पहले कि उन्हें हस्तांतरित किया जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भवनों में उपयोग की जाने वाली मशीनों के गारंटी कागजात भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

प्रधान सचिव ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में लंबित मामलों की समीक्षा की। प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति की समीक्षा में पाया गया कि कटिहार में 1672 और मधेपुरा में 1513 छात्रों का भुगतान लंबित है। जिन जिलों में भुगतान लंबित है, वहाँ जल्द से जल्द इसका निवारण करने का निर्देश प्रधान सचिव द्वारा दिया गया।

बैठक में उपयोगिता प्रमाण पत्र की भी समीक्षा की गई। सीतामढ़ी में पाया गया कि 4898 लाख का प्रमाण पत्र लंबित था। प्रधान सचिव ने सख्त निर्देश दिया कि जहाँ भी उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित है, उसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए।

छात्रावासों में खाद्यान्न आपूर्ति, मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना, ए०सी०/डी०सी० (AC/DC) के लंबित मामले, कैडर मैपिंग/ई० सर्विस बुक, प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र/मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण, कौशल विकास योजना आदि की भी गहन समीक्षा की गई।

 इस महत्वपूर्ण बैठक में क्षेत्र से आए सभी प्रमंडलीय उप निदेशक (पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण), सभी जिला पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी एवं सभी अनुमंडल पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी उपस्थित रहे। विभाग की ओर से अपर सचिव, उप सचिव, विशेष कार्य पदाधिकारी, अन्य पदाधिकारीगण सहित विभागीय कर्मी भी मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक के अंत में प्रधान सचिव ने कहा कि अगली बार पूरे दिन की बैठक रखी जाएगी और हर योजना पर गहन चर्चा एवं अद्यतन स्थिति का जायजा लिया जाएगा।

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