Edited By Ramanjot, Updated: 01 Sep, 2025 03:56 PM

बिहार की राजनीति में महिलाएं ‘किंगमेकर’ के रूप में उभर रही हैं। राज्य की सत्ता पर कौन बैठेगा, इसका निर्णायक फैसला अब महिलाएं करने लगी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे मजबूत वोट बैंक भी महिलाएं ही मानी जाती हैं। वे लगातार बढ़-चढ़कर उनका समर्थन...
पटना (विकास कुमार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की महिलाओं के उत्थान के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इस बार सीएम नीतीश ने महिलाओं को एक नया तोहफा दिया है। महिलाओं को रोजगार करने के लिए नीतीश कैबिनेट ने एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत अब अपना रोजगार शुरू करने के लिए बिहार की महिलाओं को 10 हजार रुपए की सहायता राशि मिलेगी जिसे वापस करने की भी कोई जरूरत नहीं है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे बिहार के विकास में और भी सक्रिय योगदान दे सकें। विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम को एक और बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
घर की एक महिला को मिलेगी 10 हजार रुपए की मदद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के हर परिवार की एक महिला को उनकी मनपसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए की राशि सितंबर महीने में पात्र महिलाओं के खाते में जमा कर दी जाएगी। जल्द ही पात्र महिलाओं से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस योजना को लागू करने की ज़िम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग को दी गई है। महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष हाट-बाज़ार भी बनाए जाएंगे। इस योजना की खास बात यह है कि 10 हजार रुपए की यह सहायता राशि महिलाओं को वापस नहीं करनी होगी। इसके अलावा, रोजगार को आगे बढ़ाने के लिए अगले 6 महीने के परफॉरमेंस का आकलन किया जाएगा और जिसका परफॉरमेंस अच्छा रहेगा इनको अधिकतम 2 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी। इस पूरी योजना को आगे बढ़ाने में जीविका दीदी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
योजना का लाभ लेने के लिए कैसे करें आवेदन
इच्छुक महिलाओं से आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। इसकी पूरी व्यवस्था और प्रक्रिया का निर्धारण ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा, जिसमें नगर विकास एवं आवास विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा।
योजना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया पोस्ट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के उत्थान से जुड़ी इस योजना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि, 'हम लोगों ने नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही महिला सशक्तिकरण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है।महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अब महिलाएं अपनी मेहनत से न केवल बिहार की प्रगति में अपना योगदान दे रही हैं बल्कि वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं। इसी मिशन को आगे बढ़ाते हुए हम लोगों ने महिलाओं के हित में अब एक महत्वपूर्ण एवं अभूतपूर्व निर्णय लिया है जिसके सकारात्मक दूरगामी परिणाम होंगे।'
महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित रहे हैं नीतीश कुमार
2005 से पहले हर क्षेत्र में बिहार की महिलाएं पुरुषों से काफी पीछे छूट गई थीं। महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में लाए बिना बिहार का विकास नहीं हो सकता था। यही वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा। महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बड़े फैसले लिए हैं।

बिहार में महिलाओं से जुड़ी प्रमुख योजनाएं
महिलाओं के शिक्षा और सशक्तिकरण, आरक्षण व प्रतिनिधित्व , महिला सुरक्षा व सामाजिक सुधार और आर्थिक व सामाजिक सहयोग के लिए अलग अलग योजनाएं लागू की गई हैं। इससे बिहार की महिलाएं विकास की मुख्यधारा से जुड़ गई हैं।
*शिक्षा व सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना की शुरुआत।
विश्व बैंक से लोन लेकर जीविका कार्यक्रम की शुरुआत।
*आरक्षण व प्रतिनिधित्व
पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण।
नगर निकाय संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण।
बिहार पुलिस में महिलाओं को 35% आरक्षण।
सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण।
अब सरकारी नौकरियों में बाहर की महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलेगा।
*महिला सुरक्षा व सामाजिक सुधार
महिलाओं की मांग पर शराबबंदी कानून लागू किया गया।
महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा का विस्तार।
*आर्थिक व सामाजिक सहयोग
आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में इजाफा।
विधवा और बुजुर्ग महिलाओं की पेंशन ₹1100 कर दी गई।
महिलाओं को रोजगार के लिए ₹10,000 की सहायता।
पंचायत स्तर पर विवाह मंडप बनाने का निर्णय।
बिहार की राजनीति में ‘किंगमेकर’ की भूमिका में महिलाएं
बिहार की राजनीति में महिलाएं ‘किंगमेकर’ के रूप में उभर रही हैं। राज्य की सत्ता पर कौन बैठेगा, इसका निर्णायक फैसला अब महिलाएं करने लगी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे मजबूत वोट बैंक भी महिलाएं ही मानी जाती हैं। वे लगातार बढ़-चढ़कर उनका समर्थन करती रही हैं। पिछले कई चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रहा है।
• 2010 विधानसभा चुनाव में महिलाओं का वोट प्रतिशत 54.5% था, जबकि पुरुषों का 53%।
• 2015 में महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़कर 60.4% हो गया, जबकि पुरुषों का घटकर 51.1% रह गया।
• 2020 चुनाव में भी महिलाएं 59.7% वोटिंग के साथ पुरुषों (54.6%) पर भारी पड़ीं।

यानी, जब-जब महिलाओं का वोट शेयर बढ़ा है, तब-तब नीतीश कुमार के गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। इसी कारण यह माना जाता है कि नीतीश कुमार की चुनावी सफलताओं में महिला वोटरों की भागीदारी एक बड़ा फैक्टर रही है। नीतीश कुमार की इस सफलता से प्रेरित होकर ही तेजस्वी यादव ने ‘माई बहन सम्मान योजना’ का वादा किया है, हालांकि इसे आर्थिक दृष्टि से लागू करना व्यावहारिक नहीं माना जा रहा है। अगर 2025 के चुनाव में नीतीश कुमार की योजनाओं से प्रभावित होकर सिर्फ 2–3% महिलाएं भी पुरुषों से ज्यादा मतदान करती हैं, तो पूरा चुनावी समीकरण बदल सकता है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में सबसे निर्णायक भूमिका महिलाएं ही निभाएंगी।