स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर शिक्षा विभाग सख्त, ACS ने सभी DEO को पत्र लिखकर दिए ये सख्त निर्देश

Edited By Swati Sharma, Updated: 10 Dec, 2024 02:55 PM

education department is strict about the presence of teachers in schools

बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की हाजिरी को लेकर शिक्षा विभाग सख्त नजर आ रहा है। दरअसल, कुछ स्कूलों में फर्जी उपस्थिति दिखाई जा रही है, जिसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा...

पटनाः बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की हाजिरी को लेकर शिक्षा विभाग सख्त नजर आ रहा है। दरअसल, कुछ स्कूलों में फर्जी उपस्थिति दिखाई जा रही है, जिसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। पत्र में कई बिंदुओं पर चिंता व्यक्त की गई है। पत्र में लिखा गया है कि विद्यालयों के निरीक्षण हेतु कुछ व्यक्तियों को गांवों के विद्यालयों के निरीक्षण हेतु भेजा गया था। इन व्यक्तियों ने विभिन्न गांवों में एक महीने रह कर विद्यालयों के संचालन के संबंध में अधोहस्ताक्षरी को जानकारी दी है। जानकारी के अनुसार, बड़ी संख्या में जहां एक ओर कुछ समर्पित शिक्षकों के प्रयत्न से विद्यालयों में सुधार आया है, वहीं दूसरी ओर कुछ लापरवाह शिक्षकों के कारण आचर्यजनक बिन्दु प्रकाश में आए हैं। इनके कुछ बिन्दुओं का उल्लेख निम्नलिखित है:-

1. फर्जी उपस्थिति: कुछ विद्यालयों में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों द्वारा फर्जी उपस्थिति अभी भी लगाई जा रही है। यह दिखाया जा रहा है कि 50 प्रतिशत से अधिक छात्र उनके विद्यालय में उपस्थित हैं, जबकि वास्तव में देखा जाए तो 50 प्रतिशत से भी कम छात्र उपस्थित हैं।

2. विद्यार्थियों की अत्यधिक संख्या: कतिपय स्कूलों में काफी अधिक छात्र नामांकित हैं, जबकि नियमित दिनों में छात्रों की उपस्थिति अत्यंत ही कम होती है। इससे स्पष्ट है कि विद्यालय में बच्चे नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं एवं अन्यत्र निजी विद्यालयों एवं कोचिंग संस्थानों में नामांकित हैं। ये बच्चे केवल विद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा के दिन उपस्थित हो जाते हैं, जो अत्यंत ही खेद का विषय है।

3. शिक्षक की उपस्थिति: कुछ शिक्षकों की रूचि कक्षा के सुचारू संचालन में नहीं है। उनका मूल उद्देश्य यह नहीं है कि बच्चे पढ़ें, बल्कि उनका उद्देश्य केवल यह रहता है कि उनकी उपस्थिति समय पर लग जाए अर्थात् कक्षाएं संचालित करने की अपेक्षा उपस्थिति बनाए रखने पर अधिक ध्यान देते हैं।

4. कम अवधि तक विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति: कुछ शिक्षक सुबह 09.00 बजे से अप० 04.00 बजे के बीच अनुपस्थित रहते हैं। ये शिक्षक विद्यालय आते हैं तथा कुछ कक्षाएं लगाने के बाद निजी कामों से चले जाते हैं तथा मात्र अपनी उपस्थिति दर्ज करने हेतु वापस विद्यालय आते हैं। इस प्रकार का कृत्य शिक्षा व्यवस्था में धोखाधड़ी का द्योतक है।

5. विद्यालय से निकटता संबंधी मुद्दे: कुछ शिक्षक जो अपने घरों के पास पदस्थापित हैं वे शिक्षण कार्य हेतु काफी कम समय देते हैं और मात्र उपस्थिति दर्ज करने के उद्देश्य से विद्यालय आते हैं। उन्हें पठन-पाठन कार्य से कोई लेना देना नहीं है।

पत्र में आगे लिखा गया है कि उपरोक्त बिन्दुओं से यह स्पष्ट है कि कुछ शिक्षकगण अभी भी विद्यालय के सुचारू संचालन व्यवस्था के साथ धोखाधड़ी कर रहे है। साथ ही साथ निरीक्षण से संबंधित स्पष्ट निर्देश के पश्चात् भी निरीक्षण व्यवस्था में अभी त्रुटि शेष है। यह आवश्यक है कि निरीक्षी पदाधिकारी उपरोक्त त्रुटि को किसी भी विद्यालय में पाते हैं तो इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी इनपर विभागीय कार्रवाई करेंगे। किन्तु ऐसा नहीं किया गया है। निरीक्षी पदाधिकारी को चेतावनी देने के बाद भी इसमें सुधार नहीं हुआ है। यह माना जाता है कि उपरोक्त शिक्षकों के लापरवाही में निरीक्षी पदाधिकारियों की भी मिलिभगत है। आपको ज्ञात है कि विभागीय पत्रांक-76/गो०. दिनांक-06.06.2024 एवं पत्रांक-79/गो०, दिनांक-14.06.2024 के माध्यम से निरीक्षण हेतु विस्तृत दिशानिर्देश दिए गए थे।

अपर मुख्य सचिव के पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में आपको सचेत किया जाता है कि यदि विद्यालयों के निरीक्षण में किसी भी पदाधिकारी/कर्मचारी के द्वारा लापरवाही की जाती है तो उनके विरूद्ध निलम्बन, विभागीय कार्यवाही या बर्खास्तगी का भी दण्ड अधिरोपित किया जाएगा। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आगाह किया जाता है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो आपको जवाबदेह मानते हुए आपके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


 

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