Edited By Ramanjot, Updated: 11 Aug, 2024 05:31 PM
धीरेंद्र झा ने कहा कि भारत सरकार के हलफनामा पर सुप्रीम कोर्ट के 7 जजेज के फैसला ने जो एस सी / एस टी आरक्षण पर फैसला दिया है इसको लेकर पूरे देश में काफी आक्रोश है। हमारी पार्टी एससी-एस टी समाज के इस आक्रोश के साथ है। एस सी-एस टी आरक्षण का एक सामाजिक,...
दरभंगा: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि भारत के लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। झा ने पंडासराय स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341 की रक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायालय के जरिए इस प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। संवैधानिक आरक्षण पर खतरा है।
"हमारी पार्टी SC-ST समाज के आक्रोश के साथ"
धीरेंद्र झा ने कहा कि भारत सरकार के हलफनामा पर सुप्रीम कोर्ट के 7 जजेज के फैसला ने जो एस सी / एस टी आरक्षण पर फैसला दिया है इसको लेकर पूरे देश में काफी आक्रोश है। हमारी पार्टी एससी-एसटी समाज के इस आक्रोश के साथ है। एस सी-एस टी आरक्षण का एक सामाजिक, छुआछूत, सामाजिक भेदभाव उसका आधार रहा है। भाजपा-आर एस एस के लोग इस आरक्षण को छीन लेना चाहते है। इस लिए समाज के प्रगतिशील लोगों तथा सम्पूर्ण वंचित तबके के लोगो को एकताबद्ध होकर के आंदोलन को तेज करना होगा।
"बजट में बिहार के लिए कुछ नहीं"
झा ने कहा की भारत सरकार की ओर से जो बजट पेश हुआ है, उस बजट में बिहार के लिए कुछ नहीं है। बिहार में करीब एक लाख के आसपास आशा कार्यकर्ता हैं, ढ़ाई लाख रसोईया हैं, ढ़ाई लाख के आसपास आंगनबाड़ी सेविका सहायिका हैं और इसके साथ-साथ हेल्थ और एजुकेशन में काम करने वाले बहुत सारे वरकर्स भी हैं। ये सभी भारत सरकार की योजनाएं है लेकिन भारत सरकार न्यूनतम मजदूरी आधारित मासिक मानदेय भी नहीं दे रही है। तमाम योजनाओं में कई महीने से नर्स का भुगतान नहीं हुआ है और एक जबरदस्ती हाजरी का प्रणाली थोपा जा रहा है और इसको लेकर पूरे बिहार में कार्य बहिष्कार आंदोलन चल रहा है, जिसे लेकर केंद्र सरकार की चुप्पी बनी हुई है।