Ramgarh By-Elections: रामगढ़ में करीब चार दशक से जगदानंद सिंह और उनके परिवार का रहा है दबदबा

Edited By Ramanjot, Updated: 02 Nov, 2024 05:43 PM

jagdanand singh and his family have dominated ramgarh for nearly four decades

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जगदानंद सिंह ने वर्ष 1985 से लगातार 2005 अक्टूबर तक छह बार जीत का परचम लहराया है। जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह वर्ष 2020 में रामगढ़ से राजद के टिकट पर निर्वाचित हुए। इस बार के आम चुनाव में सुधाकर सिंह ने बक्सर से जीत...

पटना: बिहार के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब चार दशक से पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) और उनके परिवार के सदस्यों का दबदबा रहा है तथा 13 नवंबर को होने वाले उप चुनाव में इस सीट पर जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र अजीत कुमार सिंह यहीं से अपनी राजनीति की शुरूआत कर रहे हैं। 

पार्टी का कब्जा बरकरार रखने की चुनौती 
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जगदानंद सिंह ने वर्ष 1985 से लगातार 2005 अक्टूबर तक छह बार जीत का परचम लहराया है। जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह वर्ष 2020 में रामगढ़ से राजद के टिकट पर निर्वाचित हुए। इस बार के आम चुनाव में सुधाकर सिंह ने बक्सर से जीत हासिल की और सांसद बने।सुधाकर सिंह के सांसद बनने के बाद रिक्त रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। महागठबंधन के घटक दल राजद ने रामगढ़ विधानसभा सीट से जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र और सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजीत कुमार सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। अजीत कुमार सिंह पर रामगढ़ सीट को जीतने की चुनौती के साथ हीं इस सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखने की भी चुनौती है। 

इस सीट पर चतुष्कोणीय होगा मुकाबला
उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से उनकी ही जाति के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह मैदान में हैं, तो प्रशांत किशोर ने कुशवाहा जाति के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह को मैदान में उतार दिया। बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व विधायक अंबिका सिंह के भतीजे सतीश कुमार सिंह यादव उर्फ पिंटू यादव को मैदान में उतारकर मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजद, भाजपा, जनसुराज, बसपा समेत पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। जातिगत समीकरण के हिसाब से रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजपूत जाति के सर्वाधिक मतदाता है। दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं। तीसरे नंबर पर यादव वोटर हैं। राजद उम्मीदवार अजीत सिंह और भाजपा उम्मीदवार अशोक सिंह की दावेदारी राजपूत वोटों पर है। बसपा के उम्मीदवार पिंटू यादव और जन सुराज के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह दोनों ही मुस्लिम यादव (माई) समीकरण में सेंध मारी कर सकते हैं। राजद यहां एमवाई समीकरण को दुरुस्त करने में लगा है। इस समीकरण का बिखराव राजद उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकता है। 

रामगढ़ सीट पर रोचक होने वाला है उपचुनाव
बिहार की रामगढ़ सीट पर उपचुनाव रोचक होने वाला है। यहां की चुनावी बिसात पर शह और मात के खेल में कई दांव आजमाए जाएंगे। रामगढ़ उपचुनाव में भाजपा और राजद के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल सकता है, लेकिन जन सुराज जैसी नई पार्टी के हस्तक्षेप से यह चुनाव और भी पेचीदा हो गया है। जन सुराज का इस चुनाव में क्या योगदान रहेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है. इस बार का रामगढ़ उपचुनाव सभी प्रमुख दलों के लिए एक कठिन परीक्षा साबित होने वाला है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जातीय समीकरण और राजनीतिक रणनीतियों के बीच किसे विजय मिलती है। 

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