Edited By Ramanjot, Updated: 18 Nov, 2023 12:25 PM

दरअसल, आज कार्तिक शुक्ल पंचमी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में लोहंडा या खरना में व्रती पूरे दिन उपवास रखेंगी। शास्त्रों में खरना का मतलब शुद्धिकरण बताया गया है। इस दिन महिलाएं मन की शुद्धता के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं। इस...
पटनाः बिहार का सबसे लोकप्रिय चार दिवसीय महापर्व छठ आज दूसरा दिन है। छठ के दूसरे दिन को खरना कहते हैं। चार दिवसीय महापर्व में इस दिन का विशेष महत्व है। आज खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी।
दरअसल, आज कार्तिक शुक्ल पंचमी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में लोहंडा या खरना में व्रती पूरे दिन उपवास रखेंगी। शास्त्रों में खरना का मतलब शुद्धिकरण बताया गया है। इस दिन महिलाएं मन की शुद्धता के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं। इस दिन छठी मैया के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। माता का पूरा प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है। खरना की शाम को व्रती भगवान भास्कर की पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगी, जिसके बाद उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा।

बता दें कि 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ छठ महावर्प की शुरुआत हो चुकी है। 18 नवंबर को खरना के साथ ही सूर्य की उपासना और निर्जला उपवास शुरू होगा। 19 की शाम को डूबते हुए सूर्य और 20 को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद छठव्रती उपवास का पारण करेंगे।