Edited By Swati Sharma, Updated: 27 Jul, 2024 02:37 PM
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंह बोले भाई सुनील सिंह की बिहार विधान परिषद की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। वहीं, सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द होने पर आरजेडी के...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंह बोले भाई सुनील सिंह की बिहार विधान परिषद की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। वहीं, सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द होने पर आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के अड़ियल रवैए और जिद के कारण ये सदस्यता रद्द हुई है।
"नीतीश कुमार अचेत अवस्था में"
शक्ति सिंह यादव ने कहा कि नीतीश कुमार अचेत अवस्था में है, जिसके कारण यह सब हुआ। संसदीय इतिहास में कल का दिन काला दिन था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हम लोगों ने कई लोकसभा और विधानसभा में कार्रवाइयां होती देखी हैं। कड़वी से कड़वी बात करने की परंपराओं को भी देखा है, लेकिन शासन अड़ियल और जिद्दी हो, एक निर्वाचित सदस्य की सदस्यता समाप्त करने के लिए दो व्यक्तियों को प्रलोभन दिया गया है, एक जिसने आचार समिति के रिपोर्ट को उल्लेख किया, उनको बिहार विधान परिषद का उपसभापति बनाया गया और दूसरे पूर्व के सभापति थे, उनको सीतामढ़ी से लोकसभा का टिकट दिया गया। यह पूरी पटकथा और साजिश बहुत पहले से रची गई थी। हमारे एक सदस्य को बिहार विधान परिषद में सत्र से निलंबित करने का भी निर्णय लिया गया, जिनका नाम कारी सोहेब है।
आरजेडी ने एनडीए नेताओं को दी ये चुनौती
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि मैं आपको कहना चाहता हूं कि राज्यसभा के अंदर उपराष्ट्रपति, सभापति होते हैं। जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के सवाल पर सदस्य की सदस्यता नहीं गई। मेरी चुनौती है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को, साथ ही साथ जदयू और भाजपा के नेताओं को कि वह वीडियो को सार्वजनिक करें, जिसको आधार मानकर के डॉक्टर सुनील कुमार सिंह की सदस्यता समाप्त की गई है। अगर सदन के अंदर कोई ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो विवेक के आधार पर जो आसन पर मौजूद सभापति, अध्यक्ष या पीठासीन अधिकारी होते हैं, वह निलंबित करते हैं। लेकिन सुनील कुमार सिंह पर कुछ भी लागू नहीं होता। मिमिक्री के सवाल पर पूरी चुनौती है सत्ता पक्ष वालों को कि आप पूरे वीडियो को पब्लिक डोमेन में दें।
"बिना साक्ष्य के भ्रामक और मिथ्या कल्पना की गई"
शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि आचार समिति की बैठक में जो आरोप सुनील कुमार सिंह पर लगाए गए थे। सुनील कुमार सिंह ने लिखित में आचार समिति समिति के सभापति से मांगा की जो आरोप लगाए गए हैं, उसके साक्ष्य को प्रस्तुत किया जाए। बिना साक्ष्य के भ्रामक और मिथ्या कल्पना की गई और कल्पना के आधार पर एक सदस्य की सदस्यता समाप्त की गई। शक्ति सिंह यादव ने कहा कि कोई अमृत पी करके नहीं आया है। लोकतंत्र में जनता तय करती है कि सरकार में कौन बैठेगा।