Edited By Harman, Updated: 05 Feb, 2025 02:38 PM
पटना अनीसाबाद के रहने वाले कुमार मयंक इनकी पूजा और भक्ति ऐसी है कि वे मूर्तिकार से मां की प्रतिमा खरीद कर नहीं लाते हैं, बल्कि स्वयं निर्माण करते हैं। इसके बाद मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। दरअसल, मयंक 30 वर्षों से इसी तरह से हर साल मां...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार में बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती की पूजा की धूम रहती है। इस अवसर पर हर भक्त अपने तरीके से मां सरस्वती की आराधना करता है। इसी संदर्भ में जानिए आज पटना के अनोखे सरस्वती भक्त के बारे में -
मां की प्रतिमा स्वयं करते निर्माण
पटना अनीसाबाद के रहने वाले कुमार मयंक इनकी पूजा और भक्ति ऐसी है कि वे मूर्तिकार से मां की प्रतिमा खरीद कर नहीं लाते हैं, बल्कि स्वयं निर्माण करते हैं। इसके बाद मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। दरअसल, मयंक 30 वर्षों से इसी तरह से हर साल मां सरस्वती की प्रतिमा को बनाते है और पूजा करते हैं।
मयंक पेशे से इंजीनियर
बता दें कि मयंक पेशे से इंजीनियर हैं और अपना व्यवसाय चलाते हैं। मां सरस्वती के प्रति उनकी ऐसी दीवानगी है कि वे बचपन से ही मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। इस बार भी मयंक ने मां सरस्वती की प्रतिमा तैयार की है। इस प्रतिमा को देखकर कोई नहीं कह सकता कि इसे किसी किसी पेशेवर कलाकार ने बनाया है।
5 साल की उम्र से ही सरस्वती मां की पूजा कर रहे हैं
मयंक 5 साल की उम्र से ही सरस्वती मां की पूजा कर रहे हैं। वह जब छोटे थे तब छोटी मूर्ति बनाकर पूजा करते थे। इतना ही नहीं, जहां पर मां सरस्वती की पूजा होती है, साथ ही साथ मां नव दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। 9 दिन तक यहां पूजा होती है। कलश स्थापना से लेकर दसवें दिन मां की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है। बातचीत हुए मयंक बताते है कि मूर्ति बनाने की प्रेरणा आंतरिक रही है।