Edited By Ramanjot, Updated: 31 Jan, 2025 10:51 AM
BPSC Protest: पुलिस ने कहा कि जहां आयोग का कार्यालय स्थित है वह प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शनकारियों पर 'कोई लाठीचार्ज' नहीं किया गया है, लेकिन...
BPSC Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 में कथित तौर पर अनियमितताओं को लेकर इस इम्तिहान को रद्द किए जाने की मांग कर रहे प्रदशर्नकारियों ने गुरुवार को आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। पुलिस ने 350 प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं और चार लोगों को गिरफ्तार करने के अलावा 30 लोगों को हिरासत में लिया है।
प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोप में 4 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने कहा कि जहां आयोग का कार्यालय स्थित है वह प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शनकारियों पर 'कोई लाठीचार्ज' नहीं किया गया है, लेकिन उन पर पुलिस मुख्यालय, राजभवन और मुख्यमंत्री आवास जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के करीब स्थित क्षेत्र में सड़क यातायात को बाधित करने के लिए मामला दर्ज किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है और प्रतिबंधित क्षेत्र में हंगामा करने वाले 30 लोगों को हिरासत में लिया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों के साथ भी मारपीट की। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।''
गिरफ्तार चार लोगों में से एक पटना के शिक्षक रामान्शु मिश्रा भी शामिल हैं। पुलिस ने सचिवालय और कोतवाली थाने में 350 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं। डीएम ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी चार लोगों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। जिलाधिकारी ने दावा किया कि पता चला है कि ‘‘अधिकतर प्रदर्शनकारियों को राज्य की राजधानी के बाहर से लाया गया था और उनमें से कुछ दूसरे राज्यों से भी आए थे।'' उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए कुल 30 लोगों में से 26 पटना के निवासी नहीं हैं। जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘वे बीपीएससी कार्यालय की ओर बढ़ना चाहते थे, जिसकी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने अनुमति नहीं दी। सुरक्षाकर्मियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्होंने सड़क खाली करने से इनकार कर दिया। यह प्रतिबंधित क्षेत्र है और ऐसी जगह नहीं है जहां विरोध प्रदर्शन की अनुमति हो।''