Edited By Ramanjot, Updated: 21 Feb, 2025 08:32 PM
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बिहार में नकली दवाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
पटना: बिहार में नकली दवाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। पटना के शेखपुरा स्थित स्वास्थ्य भवन में औषधि नियंत्रण प्रशासन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने की।
नकली दवाओं पर होगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को राज्य में नकली दवाओं की बिक्री और वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दवा दुकानों और वितरण केंद्रों पर औचक निरीक्षण किया जाए और लाइसेंसिंग नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, पुराने दवा दुकानों के लाइसेंस को ऑनलाइन कर पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया गया।
औषधि निरीक्षकों को कड़े निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया कि औषधि निरीक्षक हर महीने कम से कम 20 निरीक्षण और 5 छापेमारी करें। उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान खुदरा विक्रेताओं के साथ थोक विक्रेताओं की भी जांच की जाए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े स्तर पर नकली दवा बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
गुणवत्ता जांच अभियान तेज होगा
स्वास्थ्य सचिव ने दवाओं की गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि नकली दवाओं की पहचान के लिए इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित किया जाए। साथ ही, सैंपल कलेक्शन की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए ताकि दोषियों पर सटीक कार्रवाई हो सके।
बिहार सरकार की प्रतिबद्धता
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बिहार सरकार नागरिकों को सुरक्षित और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। नकली दवाओं पर पूर्ण रोक और सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। बैठक में ड्रग कंट्रोलर, औषधि नियंत्रण प्रशासन के अधिकारी, विशेष कार्य पदाधिकारी सुरेंद्र राय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।