Edited By Ramanjot, Updated: 26 May, 2025 07:43 PM
ल संसाधन विभाग के माननीय मंत्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आज विभागीय सभा कक्ष, पटना में सिंचाई प्रक्षेत्र से संबंधित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
पटना: जल संसाधन विभाग के माननीय मंत्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आज विभागीय सभा कक्ष, पटना में सिंचाई प्रक्षेत्र से संबंधित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का शुभारंभ माननीय मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। तत्पश्चात स्वागत भाषण वाल्मी शासी पर्षद के परामर्शी अध्यक्ष ईश्वर चंद्र ठाकुर द्वारा प्रस्तुत किया गया।
बैठक के दौरान विभाग के विभिन्न प्रक्षेत्रों से जुड़ी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की गहन एवं बिंदुवार समीक्षा की गई। सिंचाई प्रक्षेत्र की समीक्षा के अंतर्गत भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, नहरों के अंतिम छोर तक जल आपूर्ति की स्थिति, भू-अर्जन से संबंधित लंबित विषयों तथा प्रगति यात्राओं की अद्यतन स्थिति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बैठक के दौरान कहा कि आमने-सामने की बैठक से संवाद बेहतर होता है, इससे ज़मीनी समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी। ऐसी बैठकें कार्यों की प्रगति में तेजी लाएंगी। इसके साथ ही कहा कि जल संसाधन विभाग का मूल दायित्व राज्य के किसानों को सुलभ एवं प्रभावी सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है, जो प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
उन्होंने सख्ती से सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया कि वे कार्यों के प्रति संवेदनशील एवं जिम्मेदार रहें और सुनिश्चित करें कि नहरों में पानी का प्रवाह हर गांव और खेत तक निर्बाध रूप से पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आगामी सिंचाई मौसम से पूर्व सभी स्थल निरीक्षण कार्य गंभीरता से कर लिए जाएं, और कोई भी खामी सामने आने पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।

मंत्री ने सख्ती से मुख्य अभियंताओं को यह भी निर्देशित किया कि कार्यों में कोताही बरतने वाले संवेदकों पर कार्रवाई करें। साथ ही, जिन संवेदकों द्वारा कार्यों में अनियमितता, लापरवाही या गुणवत्ता से समझौता किया गया है, उनके विरुद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर किसान को समय पर सिंचाई सुविधा मिले और इसके लिए विभागीय जवाबदेही भी उतनी ही सुनिश्चित हो।
प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बैठक को संबोधित करते हुए विभाग के सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उच्चतम स्तर की सिंचाई सुविधा सुनिश्चित करें। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में 37 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित की जा चुकी है, जिसे शत-प्रतिशत क्रियान्वित करना विभाग का प्राथमिक उद्देश्य है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी कार्ययोजनाएं निर्धारित समयसीमा में पूर्ण की जाएं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि किसी क्षेत्र में नहर के बांध टूटने तथा क्षेत्र में जलप्लावन होने की स्थिति उत्पन्न होती है, तो संबंधित कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता के अलावा मुख्य अभियंता के विरुद्ध भी जिम्मेदारी निर्धारित कर अनुशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सभी अधिकारियों को अगले एक सप्ताह के लिए अपने क्षेत्रों के लिए नहरवार स्थल निरीक्षण का विस्तृत रूटमैप तैयार करने एवं समर्पित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक के विभिन्न सत्रों में सिवान, मोतिहारी, दरभंगा, सहरसा, भागलपुर, बिहारशरीफ, गया, औरंगाबाद एवं डिहरी प्रक्षेत्रों में संचालित योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन तकनीकी परमार्शी रविंद्र कुमार शंकर द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विभाग के अपर सचिव नवीन, अपर सचिव पवन कुमार सिन्हा, अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) शरद कुमार, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन)अवधेश कुमार, मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनिटरिंग) ब्रजेश मोहन, संबंधित प्रक्षेत्रों के मुख्य अभियंता तथा तकनीकी परामर्शी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपने क्षेत्रों की अद्यतन प्रगति की जानकारी मंत्री को प्रदान की और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु अपने विचार साझा किए।