Edited By Khushi, Updated: 26 May, 2025 12:50 PM

गढ़वा: झारखंड के गढ़वा सदर अस्पताल से डॉक्टरों की मनमानी सामने आई है। यहां ज्यादातर डॉक्टर गायब ही रहते हैं जिससे इलाज के लिए आ रहे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गढ़वा: डाॅक्टरों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। हम सभी बड़ी ही उम्मीदों के साथ अपने मरीज को इलाज के लिए डाॅक्टर के पास लेकर जाते हैं ताकि डाॅक्टर हमारे अपने को पूरी तरह से ठीक कर दे, लेकिन कुछ डाॅक्टर ऐसे हैं कि वह न तो डाॅक्टर होने का फर्ज निभाते है न ही इंसानियत का फर्ज निभाते हैं। ऐसा ही मामला झारखंड के गढ़वा सदर अस्पताल से आया है जहां डॉक्टर अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं। यहां ज्यादातर डॉक्टर गायब ही रहते हैं जिससे इलाज के लिए आ रहे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल में हर रोज चिकित्सक हमेशा ही ड्यूटी में देर से आते हैं और ओपीडी या इमरजेंसी ड्यूटी छोड़कर निर्धारित समय से पहले ही चले जाते हैं जैसे इन डाॅक्टरों को मरीजों से कोई लेना-देना ही न हो। वहीं, मझिआंव थाना क्षेत्र के मोरबे गांव निवासी सहायक पुलिस कर्मी 29 वर्षीय निरंजन कुमार गुप्ता पिता कृष्णा गुप्ता केतार थाना में पदस्थापित थे। कुछ दिन पहले उनका ब्रेन हेमरेज हो गया। इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर ले जाया गया। वहां इलाज चल रहा था, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर रायपुर से रेफर कर दिया गया। परिजन सहायक पुलिस कर्मी को रांची लेकर जा रहे थे। स्वजनों के अनुसार, रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव को लेकर बीते रविवार की सुबह में गढ़वा सदर अस्पताल आए, लेकिन मृत घोषित करने के लिए सदर अस्पताल में कोई चिकित्सक ड्यूटी में मौजूद नहीं था।
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं अस्पताल प्रबंधक भी गायब थे। परिजनों के साथ आए अन्य पुलिस कर्मियों ने परेशान होकर अधिकारियों को मोबाइल फोन पर जानकारी दी। इसके बाद सुबह साढ़े दस बजे सदर अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी में चिकित्सक आए और सहायक पुलिस कर्मी को मृत घोषित किया। इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरा की गई। वहीं, इस पूरे मामले के बाद ड्यूटी से गायब चिकित्सक, ड्यूटी में देर से आने वाले चिकित्सक, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं अस्पताल प्रबंधक के विरूद्ध कार्रवाई की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जा रही है।