Edited By Khushi, Updated: 19 Sep, 2024 04:45 PM
झारखंड के पूर्व सीएम सह भाजपा के नेता चंपई सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। चंपई सोरेन ने अमित शाह से 'हो भाषा' को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है।
रांची: झारखंड के पूर्व सीएम सह भाजपा के नेता चंपई सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। चंपई सोरेन ने अमित शाह से हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है।
पत्र में लिखा गया है कि 'आदिवासी 'हो' समाज की वर्षों से मांग रही है की 'हो' भाषा (वारंग क्षिती लिपि) को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी ही समाज युवा महासभा की ओर से 14 सितम्बर 2024 को जंतर-मंतर, पार्लियामेंट स्ट्रीट, नई दिल्ली में धरना प्रदर्शन भी किया गया है। पत्र में आगे लिखा गया है कि आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा की ओर से विशेष अनुरोध भी किया गया है कि इनकी उक्त मार्ग पूरी की जानी चाहिए। इसलिए मैं पूरी कामना के साथ अनुरोध करता हूं की समाज हित में आप हमारे आदिवासी 'हो' समाज की 'हो' भाषा (वारंग क्षिती लिपी) को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए उचित एवं आवश्यक कार्रवाई करना चाहेंगे, इसके लिए हमारे आदिवासी हो समाज के लोग आपके सदैव आभारी बने रहेंगे।'
बता दें कि 'हो भाषा' विशेषकर झारखण्ड के सिंहभूम इलाके में बोली जाती है। झारखंड में इस भाषा को द्वितीय राज्य भाषा के रूप में शामिल किया गया है। 'हो भाषा' को लिखने के लिए वारंग क्षिति लिपि का उपयोग किया जाता है, जिसका आविष्कार ओत गुरू कोल लको बोदरा द्वारा किया गया था। ओट कोल लाको बोदरा खुद को कोल मानते थे इसलिए उनके नाम के आगे कोल शब्द जुड़ा है।