Edited By Khushi, Updated: 21 Jul, 2025 02:29 PM

रांची: झारखंड अपनी खनिज संपदा और खनन क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत को पर्यटन के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां हेमंत सरकार ने ‘माइनिंग टूरिज्म परियोजना’ की औपचारिक शुरुआत की।
रांची: झारखंड अपनी खनिज संपदा और खनन क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत को पर्यटन के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां हेमंत सरकार ने ‘माइनिंग टूरिज्म परियोजना’ की औपचारिक शुरुआत की।
आज यानी सोमवार को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन सभागार में झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDCL) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार की विशेष उपस्थिति रही। इस अवसर पर पर्यटन, खनन और सरकारी विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने देश की पहली खनन पर्यटन परियोजना शुरू की है और कोल इंडिया की शाखा ‘सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड' (सीसीएल) के साथ एक समझौता किया है। झारखंड खनिज संपन्न राज्य है और देश के कुल खनिजों का लगभग 40 प्रतिशत यहीं पाया जाता है। वहीं, बता दें कि सोरेन ने हाल में बार्सिलोना के ‘गावा म्यूजियम ऑफ माइन्स' का दौरा किया था, जहां उन्होंने नवपाषाण युग की प्राचीन खनन तकनीकों और अवशेषों को देखा था। इसके बाद ही उन्होंने राज्य में खनन पर्यटन परियोजना को लेकर यह कदम उठाया।
बता दें कि इस माइनिंग टूरिज्म परियोजना के तहत पर्यटकों को कोयला खदानों, खनन से जुड़ी प्रक्रियाओं, उपकरणों और खनन से जुड़ी ऐतिहासिक विशेषताओं का प्रत्यक्ष अनुभव करने का मौका मिलेगा। इस दौरान पर्यटक खनन क्षेत्रों में जाकर वहां के भूगोल, खनन की तकनीकों और उसके ऐतिहासिक पहलुओं को भी देख और समझ सकेंगे। परियोजना के तहत तीन सर्किट बनाए जा रहे हैं, जिनमें पर्यटकों को रांची से ले जाकर खनन क्षेत्रों और आस-पास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कराकर वापस रांची लाया जाएगा। इन सर्किट में पिपरवार का कायाकल्प वाटिका, रे अंडरग्राउंड माइंस, तिरू फॉल, नॉर्थ उरीमारी माइंस, पलानी फॉल्स, पतरातू वाटर पार्क, सिकिदिरी घाटी, रजरप्पा मंदिर, भुरकुंडा माइंस, पतरातू डैम और पतरातू घाटी जैसे स्थल शामिल होंगे।
पर्यटकों को दिए जाने वाले पैकेज में नाश्ते से लेकर लंच तक की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, हेमंत सरकार की मंशा है कि इन अनछुए स्थानों को विकसित कर पर्यटन से रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएं। खनन पर्यटन को लेकर मुख्यमंत्री पहले ही अधिकारियों को व्यवस्थित योजना तैयार करने का निर्देश दे चुके हैं।