Edited By Khushi, Updated: 25 Dec, 2025 02:07 PM

Jharkhand News: भाकपा माले झारखंड राज्य कमेटी ने राज्य सरकार द्वारा पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा का हार्दिक स्वागत करते हुए महागठबंधन समर्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बधाई दी है। पार्टी ने इसे झारखंड के आदिवासी समाज और पांचवीं अनुसूची क्षेत्र की...
Jharkhand News: भाकपा माले झारखंड राज्य कमेटी ने राज्य सरकार द्वारा पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा का हार्दिक स्वागत करते हुए महागठबंधन समर्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बधाई दी है। पार्टी ने इसे झारखंड के आदिवासी समाज और पांचवीं अनुसूची क्षेत्र की जनता की लंबे संघर्षों की आंशिक जीत करार दिया है।
"यह निर्णय झारखंड की ऐतिहासिक मांगों को मान्यता देने वाला कदम"
भाकपा माले राज्य कमिटी ने जारी बयान में कहा कि पेसा एक्ट को लागू करने का निर्णय झारखंड की ऐतिहासिक मांगों को मान्यता देने वाला कदम है। इससे न केवल आदिवासी समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की पुन: स्थापना होगी, बल्कि ग्राम सभा की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रतिबद्धता है। पार्टी के राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि बीते वर्षों में पेसा एक्ट के अनुपालन के अभाव में पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में जमीनों पर अवैध कब्जे, प्राकृतिक संसाधनों की लूट, कॉर्पोरेट परस्त परियोजनाओं का दबाव और ग्राम सभा की शक्तियों को कमजोर करने के प्रयास लगातार होते रहे। पेसा की अनुपस्थिति को मनमानी शोषण का अवसर बना दिया गया था। ऐसे में अब इसकी घोषणा के बाद जनता, खासकर आदिवासी समुदायों को सतर्क रहना होगा, ताकि कानून का सही तरीके से पालन हो और ग्राम सभाओं को वास्तविक अधिकार मिल सके।
भाकपा ने राज्य सरकार से भूमि बैंक नीति को तत्काल रद्द करने की मांग दोहराई
भाकपा माले ने यह भी रेखांकित किया कि पार्टी और जनसंगठनों की लगातार मांग रही है कि ग्राम सभा को विकास, भूमि और संसाधन प्रबंधन से जुड़े निर्णयों में सर्वोच्च सत्ता के रूप में मान्यता दी जाए। खनन परियोजनाओं, भूमि अधिग्रहण और कॉर्पोरेट योजनाओं में ग्राम सभा की अनुमति को अनिवार्य बनाया जाए तथा पेसा और सीएनटी एसपीटी कानूनों के खिलाफ सभी नीतियों को वापस लिया जाए। इसी क्रम में पार्टी ने राज्य सरकार से भूमि बैंक नीति को तत्काल रद्द करने की मांग दोहराई।
"राज्य सरकार इस निर्णय को केवल घोषणा तक सीमित नहीं रखेगी"
भाकपा माले का कहना है कि यह नीति ग्राम सभा की अनुमति के बिना झारखंड की जमीनों को कॉर्पोरेट इस्तेमाल के लिए खोल देती है, जो पेसा की मूल भावना के विपरीत है। यदि सरकार वास्तव में स्वशासन और संवैधानिक अधिकारों को लागू करने के प्रति गंभीर है, तो जमीन बचाओ आंदोलन की प्रमुख मांगों पर भी शीघ्र निर्णय लिया जाना चाहिए। भाकपा माले राज्य कमेटी ने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार इस निर्णय को केवल घोषणा तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि पेसा एक्ट के प्रभावी और वास्तविक क्रियान्वयन के लिए ग्राम सभाओं के साथ मिलकर ठोस कदम उठाएगी। इससे झारखंड की जनता, विशेषकर आदिवासी और मूलवासी समुदाय, अपनी जमीन, जंगल और जल पर संवैधानिक अधिकारों के तहत स्वामित्व और नियंत्रण स्थापित कर सकेंगे।