राज्यपाल, हेमंत और कल्पना सोरेन ने परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस पर दी श्रद्धांजलि

Edited By Khushi, Updated: 03 Dec, 2024 05:28 PM

governor hemant and kalpana soren paid tribute to param vir chakra winner

झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने आज यानी मंगलवार को परमवीर चक्र विजेता अमर वीर शहीद अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस पर महात्मा गांधी मार्ग, रांची स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें...

रांची: झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने आज यानी मंगलवार को परमवीर चक्र विजेता अमर वीर शहीद अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस पर महात्मा गांधी मार्ग, रांची स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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इस दौरान सीएम हेमंत, राज्यपाल और कल्पना सोरेन ने देश के प्रथम राष्ट्रपति और महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर भी उन्हें नमन किया। राज्यपाल ने कहा कि उनका जीवन सम्पूर्ण देशवासियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि उनके बलिदान और वीरता की गाथा हमेशा अमर रहेगी। वहीं, सीएम हेमंत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति और महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती पर शत-शत नमन।

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अलबर्ट इक्का एक भारतीय सैनिक थे
अलबर्ट इक्का का जन्म झारखंड के गुमला के जारी गांव में 27 दिसंबर 1942 को हुआ था। उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और मां का नाम मरियम एक्का था जो आदिवासी जनजाति से थे। शिकार करना इस जनजाति का सामान्य खेल था जिसमें एक्का की बचपन से ही बहुत रुचि और दक्षता थी। उनका यही अनुभव उन्हें बहुत ही कामयाब और सक्षम सैनिक बनाने में मददगार साबित हुआ। अलबर्ट इक्का एक भारतीय सैनिक थे। वे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गंगासागर की लड़ाई में शहीद हो गए थे। दुश्मन के सामने उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति थे डॉ राजेन्द्र प्रसाद
डॉ राजेन्द्र प्रसाद (3 दिसंबर 1884 – 28 फरवरी 1963) भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारत गणराज्य का संविधान दिया था। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने भारत के पहले मंत्रिमंडल में 1946 एवं 1947 में कृषि और खाद्य मंत्री का दायित्व भी निभाया था। सम्मान से उन्हें प्रायः 'राजेन्द्र बाबू' कहकर पुकारा जाता है।

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