Edited By Khushi, Updated: 23 Oct, 2024 06:18 PM
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) वंशवाद की राजनीति में विश्वास रखता है तभी उसने पार्टी नेता हेमंत सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन और भाई बसंत सोरेन को चुनाव मैदान में उतारा है।
रांची: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) वंशवाद की राजनीति में विश्वास रखता है तभी उसने पार्टी नेता हेमंत सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन और भाई बसंत सोरेन को चुनाव मैदान में उतारा है। दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए झामुमो ने बुधवार को 35 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और भाई बसंत के नाम शामिल हैं। असम के मुख्यमंत्री ने इसी सूची को लेकर पार्टी पर निशाना साधा है।
शर्मा झारखंड चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के सह प्रभारी हैं। उन्होंने उम्मीदवारों के बीच पारिवारिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘झामुमो की उम्मीदवार सूची स्पष्ट रूप से वंशवाद की राजनीति को दर्शाती है।'' उन्होंने तंज किया कि झामुमो में विविध उम्मीदवार नहीं हैं और अगर जरूरत पड़ी तो भाजपा अतिरिक्त उम्मीदवार दे सकती है। उनका इशारा भाजपा से हाल में झामुमो में शामिल हुए नेताओं की ओर था। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी। हेमंत सोरेन साहिबगंज जिले की बरहेट (सुरक्षित) विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साइमन माल्टो से 25,740 मतों से यह सीट जीती थी। आगामी विधानसभा चुनाव में भी सोरेन इसी सीट से किस्मत आजमाएंगे। सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय सीट पर उपचुनाव में भाजपा के दिलीप कुमार वर्मा को 27,149 मतों से पराजित किया था। यह सीट झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे से रिक्त हुई थी।
बसंत सोरेन ने झामुमो का गढ़ माने जाने वाली दुमका सीट से भाजपा के पूर्व मंत्री लुईस मरांडी को 6,842 से अधिक मतों से हराया था। उनके बड़े भाई हेमंत सोरेन ने यह सीट खाली की थी, जिन्होंने दिसंबर 2019 के विधानसभा चुनाव में दुमका और बरहेट दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी और बाद में उन्होंने बरहेट सीट को अपने पास रखने का फैसला किया था। हेमंत सोरेन ने दुमका में मरांडी के खिलाफ 13,188 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। बता दें कि झारखंड की 43 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हो गई और यह 25 अक्टूबर तक जारी रहेगी। पहले चरण के तहत इन सीट पर 13 नवंबर को मतदान होना है। चुनावों में कुल 2.60 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं, जिनमें 11.84 लाख पहली बार के मतदाता, 1.13 लाख दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी), थर्ड जेंडर और 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।