Edited By Diksha kanojia, Updated: 03 Jul, 2022 02:15 PM
जायसवाल ने अपने त्यागपत्र में पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन का ध्यान खींचते हुए कहा, ‘‘आज वह सरकार के पक्ष में झूठी तरफदारी नहीं कर सकते। आम हित को दरकिनार कर दलाली एवं ठेकेदारी करना झामुमो का उद्देश्य बन गया है, जिसके लिए मेरी अंतरात्मा इजाजत नहीं...
मेदिनीनगरः झारखंड में सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पलामू जिला उपाध्यक्ष ओंकारनाथ जायसवाल ने आज पार्टी पर आम हित को दरकिनार कर ‘दलाली और ठेकेदारी' करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
जायसवाल ने अपने त्यागपत्र में पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन का ध्यान खींचते हुए कहा, ‘‘आज वह सरकार के पक्ष में झूठी तरफदारी नहीं कर सकते। आम हित को दरकिनार कर दलाली एवं ठेकेदारी करना झामुमो का उद्देश्य बन गया है, जिसके लिए मेरी अंतरात्मा इजाजत नहीं देती, इसलिए मैं दल से त्याग पत्र दे रहा हूँ।'' झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को ईमेल के जरिये भेजे त्यागपत्र में पलामू के पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘जिस उम्मीद के साथ जनता ने दल के पक्ष में जनमत का निर्माण कर पार्टी की सरकार बनाई थी, उसके अनुरूप वर्तमान सरकार काम नहीं कर रही है, ऐसे में मुझ जैसे निष्ठावान एवं समर्पित कार्यकर्ता के लिए यह उपयुक्त दल नहीं रह गया है।''
उन्होंने कहा, ‘‘आज राज्य में आम लोगों की स्थिति चिंताजनक है, पूर्व की रघुवर दास सरकार और मौजूदा साझेदारी की सरकार में कोई विशेष फर्क नहीं है। इससे झामुमो एवं सरकार के प्रति जनाक्रोश व्याप्त है, जो कभी भी दावानल में तब्दील हो सकता है।'' ज्ञातव्य है कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके मीडिया सलाहकार, भाई, पत्नी एवं अन्य करीबियों के खिलाफ उनके नाम पर खनन पट्टा आवंटित करने से लेकर फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपये का धन शोधन करने का मामला जनहित याचिका के माध्यम से झारखंड उच्च न्यायालय में विचाराधीन है जिसमें सुनवाई की अगली तारीख पांच जुलाई है।