Edited By Khushi, Updated: 02 Mar, 2025 10:29 AM
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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते शनिवार को लोकसभा और विधानसभा को ''लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर'' बताया और इस बात पर जोर दिया कि यहां आने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए कोई बाधा नहीं है या किसी के साथ भेदभाव नहीं है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते शनिवार को लोकसभा और विधानसभा को ''लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर'' बताया और इस बात पर जोर दिया कि यहां आने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए कोई बाधा नहीं है या किसी के साथ भेदभाव नहीं है।
"लोकसभा और विधानसभा लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर हैं"
सोरेन ने छठी झारखंड विधानसभा के सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-अभिविन्यास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान कहा, ''इस मंदिर की आवाज हर किसी तक पहुंचती है।'' राज्य विधानसभा के सम्मेलन कक्ष में सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लोकसभा और विधानसभा लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर हैं। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां किसी को भी प्रवेश में भेदभाव या प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ता है। इस मंदिर की गरिमा और भव्यता को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।''
"लोकतंत्र के मंदिर की आवाज हर किसी तक पहुंचती है"
सोरेन ने कहा, ‘‘मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा कि मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारों की आवाज कितनी दूर तक और किस तक पहुंचती है, लेकिन लोकतंत्र के मंदिर की आवाज हर किसी तक पहुंचती है फिर चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, इसाई हो, अमीर हो या गरीब हो।'' कार्यक्रम का उद्देश्य विधायकों को संसदीय प्रणाली, विधायी कार्यवाही और सदन की मर्यादा से परिचित कराना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने किया और सदन की कार्यवाही तथा विधायी कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी सदन की कार्यप्रणाली के बारे में सदस्यों को विस्तार से बताया।