Edited By Harman, Updated: 22 Apr, 2025 02:42 PM

झारखंड में लगभग 2 करोड़ 62 लाख निर्वाचक हैं। वर्तमान में झारखंड में एक भी जिला निर्वाचन पदाधिकारी,डीईओ या सीईओ कार्यालय के समक्ष मतदाता सूची में संशोधन के लिए कोई भी अपील लंबित नहीं है, जिसका मतलब है कि झारखंड में मतदाता सूची मतदाताओं एवं अन्य सभी के...
रांची: झारखंड में लगभग 2 करोड़ 62 लाख निर्वाचक हैं। राज्य में 29 हजार से भी अधिक बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रमों में घर-घर जाकर मतदाता सूची में पंजीकृत निर्वाचकों को सत्यापित एवं नये निर्वाचकों का पंजीकरण का कार्य किया जाता है। इस दौरान मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट्स ने भी बूथ स्तर पर इन सूचियों को सत्यापित करने का कार्य किया है। वर्तमान में झारखंड में एक भी जिला निर्वाचन पदाधिकारी,डीईओ या सीईओ कार्यालय के समक्ष मतदाता सूची में संशोधन के लिए कोई भी अपील लंबित नहीं है, जिसका मतलब है कि झारखंड में मतदाता सूची मतदाताओं एवं अन्य सभी के शत प्रतिशत संतुष्टि के करीब है।
बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रावधानों के अनुसार हर मतदान केंद्र पर एक बूथ लेवल अधिकारी नियुक्त किया जाता है और हर बूथ पर हर राजनीतिक दल को बूथ लेवल एजेंट नामित करने का अधिकार होता है। देश का हर नागरिक जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है वह निर्वाचक बन सकता है। इसके लिए नए मतदाता के रूप में नाम जोड़ने के लिए फॉर्म 6, मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए फार्म 7 एवं मतदाता सूची में प्रविष्टि में सुधार या बदलाव करने के लिए फॉर्म 8 का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके उपरांत बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा इसका सत्यापन किया जाता है एवं उक्त सूची पर निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआऱओ) द्वार संशोधन करने हेतु अंतिम निर्णय लिया जाता है।
गौरतलब है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24(क) के तहत अगर किसी व्यक्ति को निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के निर्णय पर आपत्ति है तो, वह जिला निर्वाचन पदाधिकारी,डीईओ के समक्ष प्रथम अपील कर सकता है, साथ ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी,डीईओ के निर्णय के विरुद्ध मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील दायर की जा सकती है।