Jharkhand News... चंपई सोरेन के BJP से जुड़ने के मामले की जानकारी उन्हें नहीं है: अर्जुन मुंडा

Edited By Nitika, Updated: 21 Aug, 2024 07:53 AM

statement of champai soren

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने कहा कि राज्य में बीते दिनों से जिस तरह की बयान सीएम एवं उनके मंत्री ने दिया है, उससे लगता है लोग निराश और हताश हैं और मैं ये कहूंगा की मूल विचारधारा से ये भाग रहे हैं।

 

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने कहा कि राज्य में बीते दिनों से जिस तरह की बयान सीएम एवं उनके मंत्री ने दिया है, उससे लगता है लोग निराश और हताश हैं और मैं ये कहूंगा की मूल विचारधारा से ये भाग रहे हैं।

अर्जुन मुंडा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जिस तरह का आरोप इन लोगों ने चंपई सोरेन पर लगाया है, जैसे बात कह रहे ये सिर्फ भावना की अभिव्यक्ति की बात है। उन्हें सीएम बनना और हटाना उनके दल का विषय हो सकता हैं लेकिन उनके बारे में जो बात अब हो रही है वो गंभीर आरोप और गैर जिम्मेदारी है। आज से नहीं बल्कि चंपई सोरेन जी हमारी राजनीतिक यात्रा के पुराने सहयोगी हैं। उन दिनों में जब क्षेत्रीय दल यानी एक समय के बाद झारखंड की बात करने वाले की संख्या घट गई थी, दूर दराज से लोगों को जोड़ कर कैसे आंदोलन बुलंद किया जाए हमने देखा है। तब अभिभाजित सिंहभूम जिला था। 32 ब्लॉक थे। वहां से जल, जंगल, जमीन की आवाज उठी। कांग्रेस के जमाने में आंदोलन के खिलाफ सबसे ज्यादा केस चाईबासा से हुए। कई कार्यकर्ता इस दौरान थे। जंगल से निकल के स्वर को बुलंद किया। धीरे धीरे चुनावी राजनीति में आए। जमीनी लड़ाई से आने वाले व्यक्ति के बारे में वैसे लोग बोल रहे हैं जो परिवार के माध्यम से राजनीति में आए। उनका बयान, सीएम का बयान भी दुखद है। कठिनाई के समय साथ लोग जंगल से बीच से आकर संगठित हुए। बयान देने को पहले ही देखना चाहिए की उन्हें नहीं उनके पूर्वजों के साथ ये उभरे नेता हैं।

मुंडा ने कहा कि शिबू सोरेन बोलते तो समझ आता। अब ये चाचा बोलते थे लेकिन अब ये स्पष्ट है कि रिश्तों, आदिवासियों से इनका कोई मतलब नहीं है। चंपई उनके सीनियर हैं। उनके पिता के साथ उभरे नेता हैं। हमने भी आंदोलन देखा है। ये प्रतीत होता है कि सीएम को आदिवासी नहीं कुर्सी की चिंता है। आदिवासी का चिंता होता तो चुनाव तक तो रखते ही। वो संगठन के बाहर के थे नहीं। कुछ लोगों के बयान जिसमें आरोप लगाए जा रहे। ये बयान मुझे लगता है की आंदोलनकारी को ठेस पहुंचाया जा रहा है। वैसे लोग जो भावनात्मक तरीके से जुड़ कर यहां की भविष्य को देखा है, वह आज बहुत दूर है। कई तरह की योजनाओं की घोषणा हो रही है। लेकिन मूल बातें छोड़कर तत्कालीन लाभ के लिए घोषणाएं हो रही। मैने झारखंड आंदोलनकारी आयोग गठित किया था। निष्पक्षता के साथ काम की उम्मीद थी। दलीये दृष्टिकोण के साथ इसे नहीं बनाया गया था।

एक सवाल के जवाब में मुंडा ने कहा कि चंपाई सोरेन के भाजपा से जुड़ने के मामले की जानकारी उन्हें नहीं है। वो उनका निर्णय है। राज्य की भविष्य की चिंता सारे लोगों की होती है। मैंने चंपई जी का बयान पढ़ा। वो स्वाभाविक तौर पर कमजोर महसूस कर रहे। आज मैंने एक बयान और देखा जो सामाजिक संगठन के नाते काम कर रहे। रांची में जनजातीय समाज असुरक्षित है। उन्हें चिंता है कि न जाने कौन उनकी जमीन लूट लेगा। उसमे बड़ी मिलीभगत मिल रहा। सरकारी तंत्र में शामिल लोग इसके भागीदार बन गए। भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर स्थानीय चरित्र को ध्यान में रखकर काम कर रही। भारत के हर स्तर पर काम हो रहा। झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करेगी। राज्य की राजधानी में सब इंस्पेक्टर मारा गया, आज तक कोई सूत्र नहीं मिला। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति जगजाहिर है।

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