झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की स्थिति खराब, कानून का नहीं हो रहा पालन: सरयू राय

Edited By Khushi, Updated: 23 Mar, 2025 12:09 PM

the condition of jharkhand pollution control board is bad

बोकारो: दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष एवं विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की स्थिति खराब हो गई है। राय ने बीते शनिवार को विश्व जल दिवस पर यहां आयोजित समारोह में कहा कि स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में लाये गए कानून के तहत प्रदूषण...

बोकारो: दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष एवं विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की स्थिति खराब हो गई है। राय ने बीते शनिवार को विश्व जल दिवस पर यहां आयोजित समारोह में कहा कि स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में लाये गए कानून के तहत प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से कार्य नहीं किया जा रहे हैं, जो दुखद है। उन्होंने कहा कि देश के हर क्षेत्र में जल संकट है। इस संकट से उबरने के लिए हमें छोटी-छोटी नदियों का जल संरक्षण पर ध्यान देना होगा। छोटी नदियों से ही बड़ी नदी बनी है। छोटी नदियों पर ही विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठान लगते हैं जिसके कारण छोटी नदियां प्रदूषण से प्रभावित होता है और वह शहर को प्रभावित करता है।

राय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1993 में विश्व जल दिवस का घोषणा किया। इसके बाद यह दिवस मनाया जाने लगा है। वर्ष 1986 में एनवायरमेंट प्रोटेस्ट एक्ट लाया गया, लेकिन यह कानून पूरी तरह से लागू नहीं हो रहा है। वर्ष 2016 में पावर प्लांट के ऐश पॉल्यूशन के लिए कानून लाए गए, लेकिन इस कानून के तहत कोई भी नियम संगत कार्य नहीं किये जा रहे हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद की स्थिति खराब है। पावर प्लांट के राख से खतरा पैदा हो रहा है। हमें इसके नियंत्रण के लिए पंचायत स्तर पर स्थानीय लोगों को अधिकार देना होगा तभी उद्योग से हो रहे हैं प्रदूषण कम हो सकता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी। विधायक ने कहा कि शहर के नदियों को गंदा ना कर सके इसके लिए कानून बने हैं लेकिन लागू नहीं हो रहे हैं। वैज्ञानिको के आंकड़े संकलन से सरकार योजना बनाती है। वॉटर रिसाइक्लिंग पानी संरक्षण की अच्छी तकनीक है। इस तकनीक से रुपये भी कम खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट को तेनुघाट से पानी लेने के लिए प्रति माह 11 करोड़ रुपये भुगतान करने पड़ रहे हैं। यदि रिसाइक्लिंग तकनीक लाई जय तो इस 11 करोड़ रुपये को बचाया जा सकता है साथ ही जल संरक्षण भी होगा।

राय ने कहा कि आईआईटी एव आइएसएम धनबाद के प्रोफेसर अंशुमाली ने कहा कि जिला का अच्छी प्रतिशत भाग रिवर्स का होना चाहिए, लेकिन यह घटकर मात्र एक से दो प्रतिशत हो गया है, वहीं छोटी नदियों का क्षेत्रफल 8 से 10 प्रतिशत झारखंड में पहाड़यिों और पठार के बीच नदियां है। हमें वन संरक्षण और छोटी नदियों पर ध्यान देने की जरूरत है। बोकारो स्टील प्लांट के पर्यावरण माह प्रबन्धक नवीन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट रासायनिक युक्त लाल पानी दामोदर में मिलता था जिसे नियंत्रित कर लिया गया। रीसाइकलिंग प्लांट लगाए गए। दो और रीसाइक्लिंग प्लांट लगाकर वर्ष 2027 तक जीरो डिस्चार्ज वाटर कर दिया जाएगा, जो शहर नदियां प्रदूषण मुक्त हो जाएंगे। सम्मेलन को दामोदर बचाओ आंदोलन के प्रदेश संयोजक प्रवीण कुमार सिंह, श्रवण कुमार जदयू झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने संबोधित किया।

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