Edited By Khushi, Updated: 01 Jul, 2024 05:20 PM
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झारखंड के सिमडेगा जिले के कई गांव में पक्की सड़क नहीं है। गांव में पक्की सड़क न होने से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खासकर मानसून में इन कच्ची सड़कों पर चलना ग्रामीणों को एक चुनौतीपूर्ण लगता है।
सिमडेगा: झारखंड के सिमडेगा जिले के कई गांव में पक्की सड़क नहीं है। गांव में पक्की सड़क न होने से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खासकर मानसून में इन कच्ची सड़कों पर चलना ग्रामीणों को एक चुनौतीपूर्ण लगता है।
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दरअसल, बोलबा प्रखंड अंतर्गत कुंदुर मुंडा, टकबहाल, भुखन टोली, टेंपो टोली, अलिगुंड, पालेमुंडा और बेहरिनबासा सहित आसपास के गांव में पक्की सड़क न होने से ग्रामीण काफी परेशान है। मामले में मुखिया स्नेहलता केरकेट्टा ने बताया कि बोलबा से होते हुए अलिगुंड होते हुए टकबहाल तक सड़क की खराब स्थिति के बारे में चर्चा की गई है। हमने फैसला किया है कि जब तक रोड नहीं बनेगा हम लोग वोट नहीं देंगे। इस फैसले से सभी ग्रामीण सहमत हैं। उपप्रमुख आमंत्रण मांझी ने कहा कि हम लोगों ने यहां इसलिए भीड़ जमा रखी है क्योंकि बोलबा प्रखंड से ओडिशा बॉर्डर तक सड़क काफी जर्जर स्थिति में है। कई बार आवेदन देने के बाद भी पक्की सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है।
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ग्रामीण पहान देवेंद्र भगत ने कहा कि हम काफी समय से पक्की सड़क की मांग कर रहे थे। आखिर में विवश होकर हमने धरना दिया है। झारखंड में हर पांच साल में सरकार का गठन होता है। कई सरकारें बनी लेकिन सड़क नहीं बनी। हमने सभी सरकारों की नीयत देख ली है। साइकिल से भी चलना मुश्किल होता है। हमें बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने अंतिम निर्णय लिया है कि रोड नहीं तो वोट नहीं।