बिहार में आरक्षण का दायरा 65 फीसदी तक बढ़ाने का आदेश रद्द, नीतीश सरकार को HC से बड़ा झटका

Edited By Nitika, Updated: 20 Jun, 2024 12:26 PM

order to increase the scope of reservation has been cancelled

बिहार की नीतीश सरकार को पटना उच्च न्यायालय से बड़ा झटका मिला है। दरअसल, कोर्ट ने पिछड़े वर्गों, ईबीसी, एससी और एसटी के लिए 65% आरक्षण को रद्द कर दिया।

 

पटनाः बिहार की नीतीश सरकार को पटना उच्च न्यायालय से बड़ा झटका मिला है। दरअसल, कोर्ट ने पिछड़े वर्गों, ईबीसी, एससी और एसटी के लिए 65% आरक्षण को रद्द कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। इन याचिकाओं में नवंबर 2023 में राज्य की नीतीश कुमार सरकार द्वारा लाए गए कानूनों का विरोध किया गया था। याचिकाकर्ताओं के वकीलों में से एक रितिका रानी ने कहा, ‘‘हमारा तर्क था कि आरक्षण कानूनों में किए गए संशोधन संविधान का उल्लंघन थे।'' उन्होंने बताया, ‘‘दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मार्च में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज फैसला आ गया और हमारी याचिकाएं स्वीकार की गईं।''

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर 2023 को विधानसभा में इसकी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार बिहार में आरक्षण के दायरे को 50 फीसदी से 65 फीसदी तक बढ़ाएगी।

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