Edited By Khushi, Updated: 30 May, 2025 06:12 PM

Giridih News: गिरिडीह जिले के लोगों का आरोप है कि बगोदर प्रखंड के खेत को गांव में वन विभाग की टीम ने बिना नोटिस दिए बन रहे अबुआ आवास के दीवारों को ढहा दिया। यह घटना हजारीबाग रेंज के वनरक्षी आनंद प्रजापति और उसके टीम द्वारा अंजाम दिया गया है।
Giridih News: गिरिडीह जिले के लोगों का आरोप है कि बगोदर प्रखंड के खेत को गांव में वन विभाग की टीम ने बिना नोटिस दिए बन रहे अबुआ आवास के दीवारों को ढहा दिया। यह घटना हजारीबाग रेंज के वनरक्षी आनंद प्रजापति और उसके टीम द्वारा अंजाम दिया गया है।
बताया जा रहा है कि जिस जगह अबू आवास का निर्माण हो रहा था वह जगह रैयत की अपना जमीन है जहां वर्षों से पूरा परिवार रह रहा है। सरकार द्वारा गरीबों को दी जाने वाली अबुआ आवास भी इस रैयत को मिली थी परंतु अचानक वन विभाग की टीम ने आकर कच्ची दीवारों को गिरा दिया। रैयत की पत्नी तारा पांडेय रो- रो कर विनती करती रही परंतु टीम में एक भी नहीं सुनी और घर के सदस्यों के साथ गाली गलौज की। सवाल उठता है कि जब वर्षों से यह रैयत उस जमीन पर घर बनाकर रह रहा था तब इतने वर्षों के बाद वन विभाग की टीम अतिक्रमण के नाम पर क्यों नहीं तोड़ा, तोड़ना ही था तो अतिक्रमण के नाम पर वन विभाग की टीम में उसे आसपास के जमीन पर बने घर पर या उसे इलाके में बसे रैयतों को अतिक्रमण का नोटिस देकर पूर्व से क्यों नहीं खाली करवाया?
बगोदर विधायक ने खुद स्थल पर पहुंचकर जायजा लिया और लोगों से पूछताछ की। रैयत ने कहा कि हमारे पास वन विभाग की टीम पहले आई थी और पैसे की मांग की थी। पैसे नहीं देने के बाद अचानक आकर दीवारों को तोड़ दिया। काफी मना करने के बाद भी हम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए एक गर्भवती महिला के साथ भी अभद्र व्यवहार किया। इस पर विधायक ने कहा कि झारखंड में जहां गरीबों को अबुआ आवास दिया जा रहा है तो वही दूसरे तरफ यहां के अधिकारी और सरकारी कर्मी अपनी मनमानी कर रहे हैं जिनका जनता से कोई सरोकार नहीं रहा जिसका जीता जागता उदाहरण यह घटना है। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर उच्च अधिकारियों से बात कर रैयत को उसका अधिकार दिलाने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।