Edited By Ramanjot, Updated: 11 Jan, 2024 06:29 PM
केके पाठक ने बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके लिए उन्होंने विभाग को एक पत्र भी लिखा है। हालांकि, अभी सरकार की तरफ से इसकी मंजूरी नहीं दी गई है।
पटनाः बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के एसीएस (ACS) केके पाठक (KK Pathak) के इस्तीफे खबर हर जगह फैल गई है। लेकिन क्या सच में केके पाठक ने अपना पद छोड़ दिया? इसकी असल सचाई हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं। दरअसल, केके पाठक के 'पद परित्याग' को कुछ लोगों ने इस्तीफा समझ लिया।
केके पाठक ने विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि "अधोहस्ताक्षरी, मैं के. के. पाठक, भा. प्र. से. (1990), सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार पटना के अधिसूचना संख्या-1/पी-1004/2021/सा०प्र०-590, दिनांक-9.1.2024 के आलोक में आज दिनांक 9.1.2024 के अपराह्न में अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार पटना के पद का प्रभार स्वतः परित्याग करता हूं।'
जानिए क्या है नियम
दरअसल, नियम के अनुसार, बिहार सरकार ने अफसरों के कामकाज के लिए गाइडलाइन बना रखी है। उसकी अनुसूची संख्या-53 के तहत किसी अहम पोस्ट पर तैनात अफसर को लंबी छुट्टी पर जाने से पहले फॉर्म नंबर 202 भरना होता है। जिसमें वे छुट्टी की अवधि तक के लिए अपने पद का परित्याग करते हैं। इसी नियम के तहत केके पाठक ने भी फॉर्म भरा, जिसको लोगों ने इस्तीफा समझ लिया।
केके पाठक ने 16 जनवरी तक बढ़ाई थी छुट्टी
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्वास्थ्य से जुड़े कारणों का हवाला देते हुए 8 से 14 जनवरी तक की छुट्टी का ऐलान किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे 16 जनवरी तक बढ़ा दिया। उनकी छुट्टी के दौरान शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ प्रसाद कार्यों को देख रहे हैं।
केके पाठक का लगातार हो रहा विरोध
बता दें कि केके पाठक की गिनती बिहार के कड़क और काबिल अफसरों में होती है। इससे पहले वो बिहार सरकार के कई विभागों में काम कर चुके हैं। केके पाठक ने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार नए नए आदेश जारी किए, जो कि बहुत चर्चा का विषय बने रहे। कई आदेशों के कारण उनका विरोध भी होता रहा। शिक्षकों, शिक्षक नेताओं, और राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला है और कुछ दिन पहले विधान पार्षदों ने राज्यपाल से मुलाकात करके उनकी हटाने की मांग की थी।
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