Edited By Swati Sharma, Updated: 14 Jan, 2025 07:06 PM
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि ड्रोन की खरीददारी पर किसानों को भारी अनुदान मिलेगा। पांडेय ने मंगलवार को कृषि भवन परिसर में कृषि कार्य में ड्रोन की उपयोगिता के प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि सचिव संजय अग्रवाल...
पटना: बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि ड्रोन की खरीददारी पर किसानों को भारी अनुदान मिलेगा। पांडेय ने मंगलवार को कृषि भवन परिसर में कृषि कार्य में ड्रोन की उपयोगिता के प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने की। कार्यक्रम में छह जिला पटना, सिवान, सारण, भोजपुर, वैशाली एवं नालंदा के सैकड़ों प्रगतिशील किसान, पटना जिला के 100 से अधिक जीविका दीदियों तथा इफको के माध्यम से प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
'विश्व आधुनिकीकरण की ओर तीव्र गति से अग्रसर'
मंत्री ने कहा कि विश्व आधुनिकीकरण की ओर तीव्र गति से अग्रसर है। कृषि क्षेत्र में भी नवीनतम तकनीकों का उपयोग किसानों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए किया जा रहा है, जिससे भारतीय कृषि में तेजी से प्रगति हुई है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत 2024-25 में सभी 101 अनुमंडलों में एक-एक कृषि ड्रोन के क्रय पर सरकार द्वारा 60 प्रतिशत या अधिकतम 3.65 लाख अनुदान की व्यवस्था की गई है। योजनाअंतर्गत निर्धारित छिड़काव शुल्क का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 240 प्रति एकड़ सहायता अनुदान दी जाएगी। पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना से ये योजना सामने आई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन से इसे जमीन पर उतारा गया है। किसानों के बीच ड्रोन तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। कीटनाशकों के अनुप्रयोग में ड्रोन का उपयोग करने की असीम संभावनाएं हैं, ड्रोन से फसलों पर सटीक मात्रा में पौधा संरक्षण रसायनों एवं उर्वरको का छिड़काव किया जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत जीविका के महिला समूहों को 201 ड्रोन वितरण की योजना है। केंद्र सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना के लिए 1261 करोड़ की मंजूरी दी है।
'नवीनतम तकनीक से भारतीय कृषि में तेजी से प्रगति हुई'
मंत्री ने कहा कि ड्रोन तकनीक पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलकर किसानों को निरंतर स्मार्ट खेती की ओर ले जा रही है। नवीनतम तकनीक से भारतीय कृषि में तेजी से प्रगति हुई और किसानों द्वारा प्रौद्योगिकियों से लाभ हुआ। इस तकनीक से मिट्टी और कृषि योग्य भूमि का विश्लेषण किया जा सकता है। निरंतर फसलों की निगरानी की जा सकती है। ड्रोन के जरिए इंसान को कम मेहनत लगेगी। डेटा एकत्र करने और कृषि उत्पादों के प्रयोग में ड्रोन की मदद से नए सेवा मॉडल विकसित किए जा सकते हैं। अब महिलाएं भी ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त कर योगदान दे रही हैं।