Edited By Swati Sharma, Updated: 22 Dec, 2024 06:36 PM
वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024’ की सफलता से उत्साहित राज्य सरकार ने रविवार को कहा कि वह अब एक साल के भीतर समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को जमीनी स्तर पर निवेश में बदलना सुनिश्चित करेगी। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बयान में कहा कि कारोबार...
पटना: वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024’ की सफलता से उत्साहित राज्य सरकार ने रविवार को कहा कि वह अब एक साल के भीतर समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को जमीनी स्तर पर निवेश में बदलना सुनिश्चित करेगी। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बयान में कहा कि कारोबार सुगमता के लिए सरकार प्रत्येक पांच से 10 एमओयू के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करेगी। उन्होंने कहा कि ये नोडल अधिकारी उन सभी 11 क्षेत्रों में काम करेंगे, जिनके लिए प्रस्ताव आए हैं और निवेशकों को भूमि तथा अन्य सभी मंजूरियां हासिल करने में मदद करेंगे।
'राज्य निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा प्रगति की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी'
मीणा ने कहा, ‘‘राज्य निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा प्रगति की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कोशिश है कि एक साल के भीतर सभी समझौता ज्ञापनों को जमीनी स्तर पर निवेश में बदला जाए।’’ राज्य की राजधानी में 20 दिसंबर को संपन्न हुए दो दिन के वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान अदाणी समूह, सन पेट्रोकेमिकल्स और कई अन्य कंपनियों ने नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर सीमेंट, खाद्य प्रसंस्करण और विनिर्माण तक के क्षेत्रों में बिहार में रिकॉर्ड 1.81 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। राज्य सरकार ने कुल 423 कंपनियों के साथ निवेश प्रतिबद्धताओं पर हस्ताक्षर किए।
सम्मेलन के अंत में सचिव (उद्योग विभाग) बंदना प्रेयसी ने कहा था, ‘‘बिहार सरकार ने 1,80,899 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 423 इकाइयां स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। हम कॉरपोरेट जगत की प्रतिक्रिया से अभिभूत हैं। यह हमारी उम्मीदों से परे है।’’ पिछले साल निवेशक सम्मेलन के पहले संस्करण में बिहार को 50,300 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं मिली थी। प्रेयसी ने रविवार को कहा कि उद्योग विभाग के पास पहले ही एक व्यवस्था है, जिसके तहत एमओयू को जमीनी स्तर पर निवेश में बदलने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ये अधिकारी निवेशकों को भूमि और अन्य सभी मंजूरियां हासिल करने में मदद करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।