बिहार में खत्म होगा अपराध! 25 हजार पुलिस पदाधिकारियों को दी जा रही आपराधिक कानून एवं Digital Policing की ट्रेंनिंग

Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jun, 2024 04:20 PM

bihar police is being given training in criminal law and digital policing

पहला तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्याक्रम पुलिस महानिदेशक के संबोधन से ज्ञान भवन, पटना से Hybrid Mode में प्रारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुलिस पदाधिकारियों को तीन नए अपराधिक कानून क्रमसः भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक...

पटनाः नए आपराधिक कानून, विधि विज्ञान एवं डिजिटल पुलिसिंग आदि विषयों पर आज यानि 10 जून से राज्य के 25 हजार पुलिस पदाधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है। इन नए कानूनों में किए गए विशेष प्रावधान/ बड़े बदलावों पर यह पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम आधारित होगा। इस संदर्भ में अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय), जितेन्द्र सिंह गंगवार के द्वारा प्रेस वार्ता कर मीडिया बंधुओं को इसकी जानकारी दी गई।

पहला तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्याक्रम पुलिस महानिदेशक के संबोधन से ज्ञान भवन, पटना से Hybrid Mode में प्रारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुलिस पदाधिकारियों को तीन नए अपराधिक कानून क्रमसः भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। यह कानून 1 जुलाई से प्रभावी होंगे। प्रशिक्षण के दौरान गंभीर अपराध के घटना स्थाल पर उपलब्ध विज्ञानिक साक्ष्य संकलन करने, घटना स्थल की videography, photography हेतु विधि-विज्ञान विशेषज्ञों द्वारा पुलिस पदाधिकारियों को जानकारी दी जाएगी। अपराध में Mobile Phone, Social Media, Internet आदि के बढ़ते उपयोग के आलोक में पुलिस पदाधिकारियों को Electronic साक्ष्य संग्रह कर न्यायलय में पेश करने की मानक संचालन प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही अनुसंधान में Internet पर उपलब्ध साक्ष्य को Open Source investigation tools के माध्यम से संकलन करने एवं उपयोग करने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डिजिटल पुलिसिंग की बुनियाद राष्ट्रीय Online Platform एवं CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network and Systems)/ICJS (Inter Operable Criminal Justice System) की व्यवस्था है। पिछले एक वर्ष में राज्य के प्रत्येक थाना में CCTNS को स्थापित कर दिया गया है। अब जल्द ही CCTNS को ICJS से जोड़ा जाएगा जिससे सभी पुलिस पदाधिकारी न्यायलय, जेल, विधि-विज्ञान प्रयोगशाला से जूड़ जाएंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस पदाधिकारियों को CCTNS/ICIS की उपयोग हेतु प्रशिक्षित किया जायगा, जिससे नागरीको को विभिन्न सेवाएं online मिल सकेगी और अनुसंधान, न्यायलय, जेल आदि के कार्य भी online हो सकेंगे।

प्रशिक्षण के बाद इस वर्ष के अंत तक में बिहार के नागरिको को पुलिसिंग की निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी- 

1. नागरीक केन्द्रीत "Anytime, Anywhere Policing" सुविधा

CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) सुविधा राज्य के प्रत्येक थाना में उपलब्ध रहेगी जिसके माध्यम से विभिन्न नौ नागरीक सेवाएं online उपलब्ध होंगी।

* संबंधित पुलिस स्टेशन में Phone, Whatsapp, email से शिकायत दर्ज करना

* शिकायतों की स्थिति प्राप्त करना

* एफआईआर की प्रति प्राप्त करना

* गिरफतार व्यक्तियों/ अपराधियों की जानकारी प्राप्त करना; लापता एवं अपहरण व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त करना

* चोरी अथवा बरामद वाहनों हथियारों एवं अन्य संपत्तियों की जानकारी

* विभिन्न प्रकार के NOCs के Issue/renew के लिए अनुरोध करना

* नौकरो, राजगार, पासपोर्ट, वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण आदि के लिए अनुरोध करना

* जानकारी साझा करने और नागरिको को विभिन्न फॉर्म डाउनलोड करने की सुविधा

* केस वापसी के समय पीड़ित/शिकायतकर्ता का पक्ष जानना अनिवार्य होगा।

पीड़ित / शिकायतकर्ता अपराध स्थल के परे कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। लेकिन ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करने के 03 दिनों के अन्दर संबंधित थानें में आकर शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा। गंभीर महिला अपराध में सिकायत दर्ज करने से लेकर सारी कारवाई महिला पुलिस पदाधिकरी एवं महिला मेजिस्ट्रेट करेगी। पीड़ित / शिकायतकर्ता को पुलिस पदाधिकारी द्वारा शिकायत / प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। 90 दिनों के अन्दर अनुसंधानकर्ता को जांच की प्रगति रिपोर्ट से पीड़ित को अवगत कराना होगा।

उल्लेखनीय है कि 20 मिनट में राज्य में कहीं भी आपातकालीन Dial 112 से पुलिस से मद्द दी जा रही है। 

2. प्रत्येक जिले में Mobile Forensic Science Unit विशेषज्ञों एवं उपकरणों के साथ तैनात रहेगी जो गंभीर घटना में घटना स्थल पर त्वरित पहुंच कर Photography, Videography Fingerprint एवं अन्य विज्ञानिक साक्ष्य संकलन करेंगे जिस से न्याय व्यवस्था मजबूत होंगे और दोषियों को सजा मिल सकेगी। इससे ब्यान के आधार पर गलत दोषारोपण पर भी रोक लगेगी।

3. NAFIS (National Automated Fingerprint Identification System) की राष्ट्रीय database जिसमें सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के Fingerprint उपलब्ध रहते हैं, अब बिहार में प्रत्येक जिले में लागू होगी। अतः गिरफ्तार प्रत्येक व्यक्ति का fingerprint NAFIS Database में दर्ज किया जाएगा। इससे अपराधिक घटना स्थल पर मिलने वाले Fingerprint का त्वरित मिलान पूरे देश में गिरफ्तार व्यक्तियों के fingerprint database से किया जा सकेगा। इससे अपराध के उदभेदन एवं अभियुक्तो को सजा दिलाने में विद्धि होगी।

4. प्रत्येक पुलिस पदाधिकारी को Smartphone एवं laptop की सुविधा दी जा रही है एवं इनके उपयोग हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे वह अपराधिक घटना स्थल के Videography, photography एवं पीड़ित एवं गवाहों के ब्यान Audio/video के माध्यम से दर्ज कर सकेंगे और न्यायलय में त्वरित पेश कर सकेंगे। साथ ही पुलिस पदाधिकारी Laptop से किसी भी समय CCTNS/ICIS का उपयोग अनुसंधान / जांच में कर सकेंगे जिससे कांडों के उदभेदन, एवं अनुसंधान की गुणवत्ता में विद्धि होगी।

CCTNS/ICIS के माध्यम से न्यायलय से Summon, warrant आदि पुलिस पदाधिकरी को electronically भेजे जा सकेंगे और पुलिस पदाधिकारी द्वारा इसका तामिला प्रतिवेदन भी electronically भेजा जा सकेगा। इससे न्याय प्रक्रिया में गती मिलेगी। CCTNS/ICIS के माध्यम से पुलिस पदाधिकरी जेल से छूटने वाले अपराधियोंं पर भी बैहतर निगरानी कर सकेगी।

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