लखीसराय के कजरा में बनेगी देश की सबसे बड़ी बैटरी भंडारण परियोजना, 301 मेगावाट सौर ऊर्जा से होगा उत्पादन

Edited By Ramanjot, Updated: 02 Mar, 2025 09:24 PM

country s largest battery storage project will be built in kajra of lakhisarai

बिहार के लखीसराय जिले के कजरा में देश की सबसे बड़ी बैटरी भंडारण क्षमता वाली 301 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जा रही है। यह परियोजना दो चरणों में पूरी होगी

पटना: बिहार के लखीसराय जिले के कजरा में देश की सबसे बड़ी बैटरी भंडारण क्षमता वाली 301 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जा रही है। यह परियोजना दो चरणों में पूरी होगी और इसके जुलाई-अगस्त 2025 तक शुरू होने की संभावना है। इस परियोजना में 495 मेगावाट आवर (MWh) की बैटरी भंडारण प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे रात के समय भी निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

राज्य मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलने के बाद इस परियोजना की निविदा जारी कर दी गई है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

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देश की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज सुविधा मिलेगी बिहार को

यह परियोजना बिहार को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें 241 मेगावाट आवर की बैटरी भंडारण प्रणाली लगाई जा रही है, जिससे राज्य की बिजली आपूर्ति अधिक स्थिर और प्रभावी बनेगी।

दो चरणों में होगी परियोजना की स्थापना

  • पहला चरण: 185 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन और 254 मेगावाट आवर बैटरी भंडारण।
  • दूसरा चरण: 116 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन और 241 मेगावाट आवर बैटरी भंडारण।

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इस परियोजना के पूरी होने के बाद बिहार देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल होगा, जहां अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।

रात में भी निर्बाध बिजली, बिहार को मिलेगा फायदा

इस परियोजना से राज्य में बिजली की किल्लत काफी हद तक दूर होगी। रात के समय जब सौर ऊर्जा का उत्पादन नहीं होता, तब बैटरी में संचित बिजली से निर्बाध आपूर्ति जारी रहेगी। इससे बिजली संकट से निपटने में मदद मिलेगी और राज्य सस्ती व हरित ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाएगा।

हरित ऊर्जा से होगा पर्यावरण संरक्षण

परियोजना के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'जल-जीवन-हरियाली अभियान' को भी आगे बढ़ाने में सहायक होगी।

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बिहार में रोजगार के नए अवसर

परियोजना के निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिकों के लिए नई नौकरियों के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

1,232 एकड़ भूमि हुई अधिग्रहित, 80:20 मॉडल से होगा वित्त पोषण

  • परियोजना के लिए 1,232 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है।
  • 80:20 वित्तीय मॉडल के तहत इसे विकसित किया जा रहा है, जिसमें 80% राशि वित्तीय संस्थानों से और 20% राशि पूंजीगत निवेश से जुटाई जा रही है।
  • परियोजना के पहले चरण के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को दी गई है।

बिहार बनेगा सौर ऊर्जा का हब

इस परियोजना से बिहार की बैटरी भंडारण क्षमता में बड़ा इजाफा होगा और राज्य नवीकरणीय ऊर्जा दायित्व (Renewable Energy Obligation) को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करेगा।

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