Edited By Swati Sharma, Updated: 01 Jul, 2025 11:06 AM

Bihar Politics: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya) ने सोमवार को कहा कि बिहार में अपनी निश्चित हार से बौखलाई मोदी-नीतीश सरकार अब चुनाव आयोग के जरिए गरीबों-वंचितों को वोट के...
Bihar Politics: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya) ने सोमवार को कहा कि बिहार में अपनी निश्चित हार से बौखलाई मोदी-नीतीश सरकार अब चुनाव आयोग के जरिए गरीबों-वंचितों को वोट के अधिकार से वंचित करने की साजिश कर रही है।
भट्टाचार्य ने सोमवार को एक बयान में कहा हैयह वोटबंदी ठीक उसी तरह की साजिश है जैसे 2016 की नोटबंदी थी-गरीबों को निशाना बनाने वाली एक जनविरोधी कार्रवाई। उन्होंने कहा कि हाल ही में चुनाव आयोग ने निर्देश जारी किया है कि बिहार की मतदाता सूची को एक महीने के भीतर अपडेट किया जाएगा, और इसके लिए राज्य के 8 करोड़ मतदाताओं से नागरिकता संबंधी दस्तावेज मांगे जाएंगे। जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे बड़ी संख्या में गरीब, मजदूर, खेतिहर, प्रवासी मजदूर और वंचित वर्गों के पास नहीं हैं।
जुलाई का महीना कृषि कार्यों का महीना- Dipankar Bhattacharya
माले महासचिव ने कहा कि जुलाई का महीना कृषि कार्यों का महीना है। करोड़ों की संख्या में बिहार के मजदूर बाहर हैं। ऐसे में यह प्रक्रिया लाखों लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने का जरिया बन सकती है। यह संविधान प्रदत्त सार्वभौमिक मताधिकार पर हमला है और लोकतंत्र की खुली हत्या है। उन्होंने कहा कि बिहार के मेहनतकश नागरिकों ने लंबे संघर्षों के जरिए जो मताधिकार हासिल किया, उसे हम किसी भी कीमत पर छीने नहीं जाने देंगे। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाकपा-माले सभी नागरिकों से आह्वान करती है कि वे एक जुलाई से पूरे राज्य में गांव-गांव में अभियान शुरू करें। इस तानाशाही फरमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, जनसभाएं और जनांदोलन खड़े करें और अपने वोट और लोकतंत्र की रक्षा करें।