Edited By Swati Sharma, Updated: 24 Aug, 2025 12:18 PM

Bihar Flood: पड़ोसी राज्य झारखंड में लगातार हो रही बारिश ने बिहार में बाढ़ की स्थिति और बिगाड़ दी है। फल्गु नदी खतरनाक रूप से उफान पर है और गया तथा जहानाबाद जिलों के कई गांवों में पानी भर गया है। बोधगया के बसाढ़ी, सिलौंजा, बत्सापुर और जहानाबाद जिले...
Bihar Flood: पड़ोसी राज्य झारखंड में लगातार हो रही बारिश ने बिहार में बाढ़ की स्थिति और बिगाड़ दी है। फल्गु नदी खतरनाक रूप से उफान पर है और गया तथा जहानाबाद जिलों के कई गांवों में पानी भर गया है। बोधगया के बसाढ़ी, सिलौंजा, बत्सापुर और जहानाबाद जिले के चुनुकपुर, मननपुर, भारथू और परियामा सहित दर्जनों निचले इलाकों के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
भारथू गांव के पास तटबंध में तीन दरारें आने से भारी बाढ़ आ गई, जिससे जहानाबाद-बिहारशरीफ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) पर जलभराव हो गया, जिससे शुक्रवार रात से यातायात ठप है। स्थानीय लोगों के अनुसार, घोसी थाना क्षेत्र के भारथू गांव में आधी रात के आसपास बाढ़ का पानी घुस आया, जिससे कुछ ही घंटों में 200 घर और सैकड़ों तालाब जलमग्न हो गए। परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। बाढ़ ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है क्योंकि धान, मक्का और सब्जियों वाली सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि अब पानी में डूब गई है। मछली पालन के 50 से ज़्यादा तालाब बह गए हैं। किसानों और मत्स्य पालकों का अनुमान है कि उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, जिससे उनकी आजीविका के मुख्य स्रोत ठप हो गए हैं।
इन 14 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी
अधिकारियों ने बताया कि उदेरा स्थान बैराज से 1.26 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का पानी तेज़ी से बढ़ा। राहत शिविर और अस्थायी आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं, जबकि प्रभावित इलाकों में जरूरी सामान का वितरण शुरू हो गया है। अचानक आई बाढ़ ने एक बार फिर तटबंधों की कमजोरी और बाढ़ से निपटने की कमजोर तैयारियों को उजागर कर दिया है, जिससे हज़ारों परिवारों को अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस बीच, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए गया, जहानाबाद, अरवल, पटना समेत 14 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लोगों को बारिश के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है क्योंकि बिजली गिरने की भी आशंका है। उन्हें पेड़ों और मिट्टी के घरों के अंदर शरण लेने से बचने को कहा गया है।