Bajrang Dal पर बैन लगाने की मांग को लेकर मदनी पर भड़के गिरिराज, कहा- पूरा मुस्लिम समुदाय पाकिस्तान होता तो...

Edited By Ramanjot, Updated: 23 May, 2023 10:50 AM

giriraj furious at madani for demanding ban on bajrang dal

केंद्रीय मंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘70 साल पहले अगर हमारे पूर्वजों से भूल नहीं हुई होती और देश के बंटवारे के समय पूरा मुस्लिम समुदाय पाकिस्तान चला गया होता तो आज भारत में न कोई जाकिर मियां, न असदुद्दीन ओवैसी (ऑल इंडिया...

पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस शासित कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सोमवार को मशहूर मुस्लिम विद्वान मौलाना अरशद मदनी पर निशाना साधा। गिरिराज सिंह ने मदनी की उस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें मुस्लिम विद्वान ने कांग्रेस द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे का समर्थन किया था और कहा था कि यह एक ऐसा कदम है जिसे आदर्श रूप से 70 साल पहले उठाया जाना चाहिए था। 

"हमारे पूर्वजों से बड़ी भूल हुई"
केंद्रीय मंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘70 साल पहले अगर हमारे पूर्वजों से भूल नहीं हुई होती और देश के बंटवारे के समय पूरा मुस्लिम समुदाय पाकिस्तान चला गया होता तो आज भारत में न कोई जाकिर मियां, न असदुद्दीन ओवैसी (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष) और न ही मदनी पैदा लेता। न ही कोई भारत में ‘गजवा ए हिंद' की बात करता।'' सिंह बिहार के बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘देश का यह दुर्भाग्य है। हमारे पूर्वजों से बड़ी भूल हुई और इसी भूल का खमियाजा आज की पीढ़ी भोग रही है और ऐसे लोग ‘गजवा ए हिंद' की चर्चा करते हैं और ‘सिर तन से जुदा' के नारे लगाते हैं।'' कांग्रेस ने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाकर राज्य में बहुमत हासिल किया है। पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि वह बजरंग दल और पीएफआई (पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों जिनपर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है, के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी, अगर जरूरत पड़ी तो प्रतिबंध भी लगाया जाएगा।  

‘‘टीपू सुल्तान एक आक्रांता था"
गिरिराज सिंह ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा कथित तौर पर मैसूर के महान शासक टीपू सुल्तान को श्रद्धांजलि देने पर भी नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया, ‘‘टीपू सुल्तान एक आक्रांता था जिसने भारत की धरती पर अपना पैर इसलिए रखा ताकि वह देश का धन लूट सके। इस मामले में वह अंग्रेजों की तरह थे। अंग्रेजों के खिलाफ उनकी लड़ाई भारत की आजादी की लड़ाई नहीं थी बल्कि अपने साम्राज्य को बनाए रखने के उद्देश्य से थी।'' 17वीं शताब्दी में एक सैन्य जनरल हैदर अली के घर में जन्मे टीपू सुल्तान ने मैसूर के राजनीतिक नियंत्रण को संभालने के लिए अपने कौशल का इस्तेमाल किया था। टीपू सुल्तान हाल में हुए कर्नाटक चुनाव के दौरान भाजपा और उसके प्रतिद्वंद्वियों के बीच विवाद का कारण बन गए थे। भाजपा ने अधिकांश इतिहासकारों के उस कथन को खारिज किए जाने की मांग की थी कि टीपू सुल्तान ब्रिटिश उपनिवेशवादियों से लड़ते हुए मारे गए थे और जोर देकर कहा था कि मैसूर के शासक को वोक्कालिगा समुदाय के लोगों ने मार डाला था। कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने इस वोक्कालिगा समुदाय को अपनी ओर लुभाने की कोशिश की थी। 

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