Edited By Ramanjot, Updated: 19 May, 2025 11:24 AM
उमेश कुशवाहा ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि राजनीतिक शरण पाने के लिए जनसुराज के दरवाज़े पर दस्तक देना आरसीपी सिंह के समाप्त हो चुके सियासी वजूद का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ और विश्वासघात की राजनीति करने वालों का अंजाम...
Bihar News: बिहार जनता दल यूनाईटेड (JDU) अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (Umesh Singh Kushwaha) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) की अपनी पार्टी 'आप सबकी आवाज' (आसा) के जनसुराज में विलय करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अपने सियासी वजूद को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने (RC{) ने जनसुराज की शरण ली है।
उमेश कुशवाहा ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि राजनीतिक शरण पाने के लिए जनसुराज के दरवाज़े पर दस्तक देना आरसीपी सिंह के समाप्त हो चुके सियासी वजूद का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ और विश्वासघात की राजनीति करने वालों का अंजाम हमेशा ऐसा ही होता है। जो व्यक्ति कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश में जुटा था, आज वही जनसुराज के सहारे सियासी पुनर्जीवन की तलाश में भटक रहा है। यह स्थिति उस कहावत को चरितार्थ करती है ‘‘जैसी करनी, वैसी भरनी।''
"यह जोड़ी पूरी तरह से दिशाहीन और जनाधारविहीन"
जदयू नेता ने व्यंग्य करते हुए कहा कि आरसीपी और प्रशांत किशोर (पीके) की जोड़ी वैसी ही है जैसे बिना डोर की पतंग, ना ऊंचाई मिलेगी, ना उड़ान। यह जोड़ी पूरी तरह से दिशाहीन और जनाधारविहीन है। दोनों नेता अपनी खोई हुई राजनीतिक साख बचाने की जुगत में लगे हैं, लेकिन यह प्रयास अंतत: बेनतीजा ही साबित होगा। कुशवाहा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जदयू और कुमार की राजनीति सिद्धांत, जनसेवा और जनसमर्थन की मजबूत नींव पर खड़ी है। इसके विपरीत, आरसीपी और पीके का यह अवसरवादी गठजोड़ केवल तात्कालिक स्वार्थों का खेल है। बिहार की जागरूक जनता इन दोनों के चाल, चरित्र और चेहरे को भली-भांति पहचानती है।