Edited By Ramanjot, Updated: 14 Dec, 2024 11:36 AM
राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित करते हुए माले महासचिव ने कहा कि फासीवादी भाजपा को पीछे धकेलने की जवाबदेही बिहार पर है। कुछ ही महीनों में यहां विधानसभा चुनाव होने वाला है। उन्होंने आह्वान किया कि झारखंड की तरह बिहार भी भाजपा को सबक सिखाए...
पटना: भारत कि कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (CPI-ML) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya) ने कहा कि फासीवादी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पीछे धकेलने की जवाबदेही बिहार पर है। भाकपा-माले 09 मार्च 2025 को पटना में ‘बदलो बिहार महाजुटान' करेगी।
राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित करते हुए माले महासचिव ने कहा कि फासीवादी भाजपा को पीछे धकेलने की जवाबदेही बिहार पर है। कुछ ही महीनों में यहां विधानसभा चुनाव होने वाला है। उन्होंने आह्वान किया कि झारखंड की तरह बिहार भी भाजपा को सबक सिखाए जिससे देश में संविधान व लोकतंत्र को बचाया जा सके। भट्टाचार्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बैकफुट पर पहुंची भाजपा एक बार फिर से हरियाणा व झारखंड के चुनावों के बाद हमलावर है। महाराष्ट्र में उसने तिकड़मों के जरिए पहले सत्ता हथियाया फिर चुनाव हथिया लिया। आज महाराष्ट्र सहित पूरा देश चुनाव आयोग की निष्पक्षता और ईवीएम पर सवाल खड़ा कर रहा है। ऐसे में उसपर पर्दा डालने के लिए वन नेशन वन इलेक्शन का शिगुफा छेड़ा जा रहा है।
"सरकार ही संसद नहीं चलने दे रही"
भट्टाचार्य ने कहा कि अमेरिकी जांच एजेंसियों ने अडानी घोटाले का पर्दाफाश किया कि किस तरह अमेरिका से पैसे उठाकर केवल पांच राज्यों में 2200 करोड़ रुपया घूस देकर सौर ऊर्जा खरीदी गई और फिर बहुत महंगी दर पर भारत में बिजली बेची जा रही है। केंद्र सरकार संसद में इसपर चर्चा तक नहीं चाहती। सरकार ही संसद नहीं चलने दे रही है। राज्यसभा के सभापति तमाम नियम कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं और विपक्षी सांसदों का अपमान करते हैं। ऐसे में देश की निगाह बिहार पर है कि क्या बिहार इस फासीवादी सरकार को घुटना टेकने के लिए मजबूर कर पाएगा? हमें इस महत्ती जिम्मेवारी को कबूल करना है।